ईडी ने एक बयान में कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय के मार्च 2017 के एक फैसले से उपजा है, जिसके तहत शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि भारत में कोई भी वाहन निर्माता या डीलर एक अप्रैल 2017 से बीएस-4 उत्सर्जन नियमों का पालन न करने वाले किसी भी वाहन की बिक्री नहीं करेगा। इसी तारीख से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर भी रोक लगा दी गई थी।
संघीय एजेंसी ने बताया कि जांच में पाया गया कि कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत कराया गया। ईडी ने कहा कि इन वाहनों को खरीदने/चलाने या बेचने से अर्जित आय 38.36 करोड़ रुपए पाई गई है।
जे सी प्रभाकर रेड्डी, उनके परिवार के सदस्य, उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों जैसे कि दिवाकर रोड लाइंस और जाटधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड तथा सी गोपाल रेड्डी और उनके परिवार की 6.31 करोड़ रुपए की चल संपत्ति धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत जब्त की गई है। जब्त की गई संपत्ति का कुल मूल्य 22.10 करोड़ रुपए है।