प्रधान महानिदेशक स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता वाली 7 सदस्यीय समिति को जो एजेंडा दिया गया है, उसमें पहचाने गए चूककर्ताओं के नाम सार्वजनिक करने की नीति का मकसद पूरा हुआ है या नहीं और क्या इसका दायरा बढ़ाए जाने की जरूरत है, शामिल हैं। समिति का गठन 25 मई को हुआ।
पीटीआई भाषा के पास उपलब्ध ब्योरे के अनुसार समिति इस बात पर विचार करेगी कि क्या ऐसे चूककर्ताओं के नाम बैंकों, वित्तीय संस्थानों, क्रेडिट रेटिंग तथा क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो लि. (सिबिल) जैसे जोखिम रेटिंग एजेंसियों तथा अन्य के साथ कर अधिकारियों को साझा किया जाए। सीबीडीटी ने करीब 2 साल पहले नाम सार्वजनिक करने का अभियान शुरू किया है। इसके तहत चूककर्ताओं के नाम तथा चूक राशि, पता और स्थायी खाता संख्या (पैन) जैसे ब्योरे प्रमुख समाचारपत्रों में प्रकाशित कराया जाता था।