नई दिल्ली। सरकार ने चंद्रमा पर जीवन की संभावनाएं तलाशने के लिए विशेष अंतरिक्ष यान 'चंद्रयान-2' के 15 जुलाई 2019 को प्रक्षेपण की तैयारी पूरी कर ली है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि संसद सदस्यों को भी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनाने के बारे में इसरो के वैज्ञानिकों से विचार-विमर्श किया जाएगा।
सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। कांग्रेस के रिपुन बोरा ने चंद्रयान-2 अभियान की तैयारियों की जानकारी मांगते हुए इसके प्रक्षेपण के दौरान उच्च सदन के सदस्यों को भी इस पल का दीदार करने की मांग की।
सिंह ने बताया कि चंद्रयान अभियान हम सभी के लिए गर्व का विषय है और मैं सभापति से अनुरोध करूंगा कि सभी दलों के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भी चंद्रयान-2 के आगामी 15 जुलाई को होने वाले प्रक्षेपण के पल का गवाह बन सके।
सिंह ने इस अभियान का महत्व बताते हुए कहा कि चांद की सतह पर 1969 में मनुष्य को भेजने वाला अमेरिका पहला देश था। इसके बाद भारत पहला देश है जिसने चंद्रयान-1 अभियान के तहत चांद की सतह पर पानी की मौजूदगी की खोज की। इसके बाद दुनिया को पहली बार चांद पर मानव जीवन की संभावनाओं के पुष्ट संकेत मिले।
सिंह ने बताया कि भारत चंद्रयान के दूसरे चरण में चांद पर मानव जीवन की संभावनाओं को तलाशने के अगले चरण में चंद्रयान-2 का श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण करने जा रहा है। 59 दिन की अंतरिक्ष यात्रा के बाद यह अंतरिक्ष यान स्वदेशी ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ 1 सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा।
लैंडर चांद की सतह पर भ्रमण करेगा और इस दौरान रोवर मिट्टी आदि के नमूने एकत्र करेगा। इस अभियान के तहत चांद की सतह से एकत्र किए गए नमूने न सिर्फ भारत बल्कि समूचे विश्व के लिए शोध की असीमित संभावनाओं के अवसर मुहैया कराएगा।
उन्होंने कहा कि इसके प्रक्षेपण के अवसर पर सभी दलों के सांसदों के समूह को भी शामिल होने के बारे में वे इसरो के वैज्ञानिकों से विचार करेंगे। इसके तकनीकी पहलुओं पर वैज्ञानिकों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई फैसला किया जा सकेगा। (भाषा)