विकास ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि उन्हें आखिरकार वो मुस्लिम परिवार मिल गया है जिसने दंगों में उनकी जान बचाई थी और अब वे उन्हीं के साथ अपना रोजा खोलेंगे। बाद में उन्होंने उस परिवार से मिलने के बाद साथ में इफ्तार की और ट्वीट किया: 'दिल को छू लेने वाली शाम, दिल, आंसू, दर्द, गर्व, हिम्मत, इंसानियत, आभार।'
पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि इकबाल खान, वसीम भाई और उनके परिवार वालों ने उस वक्त मुझे पनाह दी और मेरा खयाल रखा। तब से मैं उन्हें धन्यवाद देने और उन्हें अपनी प्रार्थना में याद रखने के लिए रमजान के पाक महीने में एक दिन का रोजा रखता हूं। आप सभी को प्यार।
पिछले साल साक्षात्कार में शेफ विकास खन्ना ने विस्तार से उस घटना के बारे में बताते हुए कहा था कि कर्फ्यू की वजह से होटल का स्टाफ न तो बाहर जा पा रहा था और न ही अंदर आ पा रहा था। एक दिन उन्होंने सुना कि घाटकोपर में दंगों की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं और कई लोग घायल हो गए हैं। उन्हें अपने उस भाई की चिंता होने लगी जो उसी इलाके में रहता था। उन्हें वहां जाने का रास्ता नहीं मालूम था लेकिन फिर भी वे घाटकोपर की तरफ निकल पड़े।