नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर 'सहकारिता संघवाद' की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने पेट्रोल-डीजल पर कर लगाकर जो कमाई की है, उसका हिस्सा राज्यों को नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि केरल के वित्तमंत्री ने पेट्रोल तथा डीजल पर एकत्रित करों के आंकड़ों का खुलासा किया है। यह आंकड़े बताते हैं कि 2020-21 में उत्पाद शुल्क, उपकर और अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में केंद्र ने 3,72,000 करोड़ रुपए एकत्र किए हैं। इसमें से केवल 18 हजार करोड रुपए मूल उत्पाद शुल्क के रूप में एकत्र किए और उस राशि का 41 प्रतिशत राज्यों के साथ साझा किया गया था। इसमें से शेष 3,54,000 करोड़ रुपए केन्द्र के पास गए।
उन्होंने सवाल किया कि केंद्र सरकार को बताना चाहिए कि पेट्रोल-डीजल पर लगाए कर से जमा की गई 3,54,000 करोड़ रुपए की विशाल धन राशि कहां और कैसे तथा किस मद पर खर्च की गई है। केंद्र को यह भी बताना चाहिए कि उसने इतनी बड़ी राशि अपने पास क्यों रखी? उन्होंने तंज कसा कि क्या यही मोदी सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'सहकारी संघवाद' का मॉडल है।
कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि देश को कैशलेस अर्थव्यवस्था बनना चाहिए। कुछ ही दिनों में उन्होंने महसूस किया कि यह एक बेतुका लक्ष्य था, इसलिए लक्ष्य को कम-नकद अर्थव्यवस्था में संशोधित कर दिया।