गौरतलब है कि भारत ने 11 मई 1998 में राजस्थान के पोखरण में 5 परमाणु परीक्षण किए थे। परीक्षण में 5 विस्फोट शामिल थे, जिनमें से पहले को 2-चरणीय संलयन बम होने का दावा किया गया था जबकि शेष चार विखंडन बम थे। पहले तीन परीक्षण 11 मई को एक साथ किए गए थे और अंतिम 2 विस्फोट 13 मई 1998 को किए गए थे। परीक्षणों को सामूहिक रूप से ऑपरेशन शक्ति कहा जाता था।
भारत परमाणु क्लब का छठ देश : परीक्षणों की घोषणा करते हुए, तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भारत को एक परमाणु राज्य घोषित किया और कहा कि परीक्षणों ने 200 किलोटन तक की क्षमता वाले विखंडन बम और थर्मोन्यूक्लियर हथियार बनाने की क्षमता देने के मुख्य उद्देश्य को हासिल किया। हथियारबंद परमाणु हथियारों का परीक्षण करने के बाद, भारत परमाणु क्लब में शामिल होने वाला छठा देश बन गया।
अटल जी ने दिया था यह बयान : अटल जी ने उस समय अपने भाषण में कहा था, 'आज, 15:45 बजे, भारत ने पोखरण रेंज में तीन भूमिगत परमाणु परीक्षण किए। आज किए गए परीक्षण एक विखंडन उपकरण, एक कम उपज उपकरण और एक थर्मोन्यूक्लियर उपकरण के साथ किए गए थे। मापी गई उपज अपेक्षित मूल्यों के अनुरूप है। मापों ने यह भी पुष्टि की है कि वायुमंडल में रेडियोधर्मिता का कोई उत्सर्जन नहीं हुआ। ये मई 1974 में किए गए प्रयोग की तरह ही सीमित विस्फोट थे। मैं इन सफल परीक्षणों को अंजाम देने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को हार्दिक बधाई देता हूं।'