आलोक वर्मा, राकेश अस्थाना, राफेल घोटाला, कांग्रेस अध्यक्ष, रणदीव सुरजेवाला, विवाद, सीबीआई विवाद
गौरतलब है कि अस्थाना और वर्मा के बीच विवाद के चलते सरकार ने वर्मा और अस्थाना दोनों को ही छुट्टी पर भेज दिया है। राजस्थान के हाड़ौती इलाके में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि CBI चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया।
सीबीआई की स्वतंत्रता में आखिरी कील : दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को ट्वीट करके कहा कि मोदी ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी और इसी के साथ इस एजेंसी की विश्वसनीयता, निष्पक्षता और ईमानदारी का अंत सुनिश्चित कर दिया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने प्रमुख 'मोदी मेड गुजरात मॉडल' का सच्चा रंग दिखा दिया। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री सीधे बर्खास्त नहीं कर सकते थे, इसलिए वे चुपके से और गुप्त रूप से इस काम को अंजाम देना चाहते थे। विभिन्न गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में बाधा डालने की भाजपा और मोदी सरकार की आदतों के कारण यह कदम उठाया गया है। क्या वर्मा को राफेल घोटाले की परत-दर-परत उधेड़ने में उत्सुक्ता दिखाए जाने के कारण हटाया गया है?