न्यायमूर्ति एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कुमार को आपराधिक षड्यंत्र रचने, शत्रुता को बढ़ावा देने, सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ कृत्य करने का दोषी ठहराया।
अदालत ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी भागमल, गिरधारी लाल, पूर्व विधायक महेंद्र यादव और कृष्ण खोखर की दोषिसद्धि भी बरकरार रखी।
उच्च न्यायालय सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों की अपीलों पर सुनवाई कर रहा था, जिनमें मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। निचली अदालत ने 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में कुमार को बरी कर दिया था।