आई-पैक के संस्थापक ने यह विचार भी प्रकट किया कि कांग्रेस का हालिया चिंतन शिविर कोई सार्थक चीज हासिल नहीं कर सका। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए हाल में किशोर को कांग्रेस में शामिल किए जाने का प्रस्ताव था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
किशोर ने ट्वीट किया कि मुझसे उदयपुर चिंतन शिविर के नतीजे पर टिप्पणी करने के लिए बार-बार कहा गया है। मेरे विचार से, यह यथास्थिति को और लंबा खींचने तथा कांग्रेस नेतृत्व को कुछ समय देने के अलावा कुछ भी सार्थक चीज हासिल कर पाने में नाकाम रहा, कम से कम गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आसन्न चुनावी हार तक।
आई-पैक के संस्थापक, 2014 में नरेंद्र मोदी के सफल चुनाव अभियान का प्रबंधन करने के बाद मशहूर हुए। उन्होंने 2017 में उत्तर प्रदेश और पंजाब में कांग्रेस के लिए काम किया था। पिछले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में किशोर ने तृणमूल कांग्रेस को अपनी सेवाएं दी थीं। इस चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शानदार जीत हासिल की।