Nirbhaya Case : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी मुकेश की याचिका, कोर्ट में बेहोश हुई अक्षय की पत्नी
गुरुवार, 19 मार्च 2020 (14:55 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले के 4 में से 3 दोषियों अक्षय कुमार, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की मौत की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर आदेश गुरुवार को सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि इनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है। दोषियों ने बुधवार को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
चार आरोपियों में से एक मुकेश की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। मुकेश ने अपनी याचिका में रिकॉर्ड दोबारा जांचने की मांग की थी।
एक अन्य दोषी अक्षय सिंह की पत्नी गुरुवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर बेहोश हो गई। बेहोश होने से पहले उसने कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की याचिका पर कहा कि हाईकोर्ट और उसने पहले सारी बातें सुनी थीं। अब इन बातों का कोई मतलब नहीं है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।
उन्होंने अदालत को बताया कि दोषियों के वकील एपी सिंह झूठी सूचना दे रहे हैं कि पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका लंबित है और उन्होंने कहा कि सभी दोषियों ने अपने कानूनी उपायों का इस्तेमाल कर लिया है।
सिंह ने यह भी कहा कि अक्षय की पत्नी ने बिहार की एक अदालत में तलाक की अर्जी दायर की है, जो अभी लंबित है। इस पर विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि कोई अन्य याचिका मौजूदा मामले के कानूनी उपाय के दायरे में नहीं आती है।
गौरतलब है कि 5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वॉरंट जारी किया था। चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।
दोषी अक्षय की पत्नी अदालत के बाहर बेहोश हुई : निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड मामले के सजायाफ्ता 4 दोषियों में से एक अक्षय सिंह की पत्नी गुरुवार को पटियाला हाउस अदालत के बाहर बेहोश हो गई। उसने बेहोश होने से पहले कहा कि उसे और उसके नाबालिग बेटे को भी फांसी दे दी जाए।
अदालत के बाहर चीखते हुए उसने कहा कि मुझे भी न्याय चाहिए। मुझे भी मार दो। मैं जीना नहीं चाहती। मेरा पति निर्दोष है। यह समाज उसके पीछे क्यों पड़ा है? उसने कहा कि हम इस उम्मीद में जी रहे थे कि हमें न्याय मिलेगा लेकिन पिछले 7 साल से हम रोज मर रहे हैं।
सिंह की पत्नी ने खुद को सैंडल से मारना शुरू कर दिया जिसके बाद वकीलों ने उसे समझाया-बुझाया। हालांकि पीड़िता के परिजन के वकील ने कहा कि दोषियों को कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए। वकील ने कहा कि अक्षय हमारे समाज का हिस्सा है। अप्राकृतिक मौत से हर किसी को दुख होता है लेकिन अक्षय के साथ कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए।
गौरतलब है कि 5 मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी देने के लिए नया मृत्यु वॉरंट जारी किया था। अदालत को गुरुवार को सूचित किया गया कि सभी दोषी अपने सभी कानूनी और संवैधानिक विकल्पों का इस्तेमाल कर चुके हैं और उनके बचने के लगभग सभी रास्ते बंद हो चुके हैं।