नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एसपीजी के सुरक्षा घेरे से निकलकर खुद को खतरे में डाला।
याचिका को स्वीकार्य योग्य नहीं मानते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने कहा कि सुरक्षा पहलू पर फैसला करने के लिए हम उचित मंच नहीं हैं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि हम सुरक्षा पर फैसला नहीं करने जा रहे। सुरक्षा के लिए हम भी सरकार पर निर्भर हैं। हम उनके आकलन पर भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि मामले में अगर किसी कार्रवाई की जरूरत है तो अधिकारी ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं।
केंद्र के स्थायी वकील अनिल सोनी ने कहा कि सरकार भी गांधी की सुरक्षा को लेकर चिंतित है लेकिन सुरक्षा घेरे से निकलना गैरजिम्मेदाराना बर्ताव है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कुछ होता है तो हमें (सरकार को) जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
अदालत मुंबई भाजपा के एक प्रवक्ता तुहिन ए सिन्हा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिन्होंने गांधी और केंद्र को यह निर्देश देने की मांग की थी कि यह सुनिश्चित किया जाये कि कांग्रेस नेता स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप अधिनियम का उल्लंघन न करें और एसपीजी के सुरक्षा घेरे से निकलकर खुद को खतरे में न डालें।
याचिका में राहुल गांधी को यह हलफनामा दायर करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि वह बिना एसपीजी कवर के यात्रा नहीं करेंगे। इस साल गुजरात में बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान गांधी की कार पर कुछ लोगों ने पथराव किया था। (भाषा)