नई दिल्ली। दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा पर मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारी किसानों ने डेरा डाल दिया। इससे पहले मंगलवार सुबह पुलिस ने किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने और तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसान क्रांति पदयात्रा में शामिल किसानों को दिल्ली-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर रोक रखा गया है। हालात पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स बुलाई गई है। गाजियाबाद के डीएम ने बुधवार को शहर के सारे स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।
4 मुद्दों पर सरकार ने नहीं भरी हामी : खबरों के मुताबिक किसानों की कुल 11 मांगें थीं, लेकिन सरकार ने अब तक 7 मुद्दों पर हामी भरी है 4 मुद्दे अभी भी अटके हैं। इस पर भारतीय किसान यूनियन (BKU) के अध्यक्ष राकेश सिंह टिकैत ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों की बात मानने की नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ वार्ता नाकाम रही, इसलिए गाजीपुर बॉर्डर पर किसान रातभर प्रदर्शन करेंगे।
साथ लाए हैं 10 दिन का राशन-पानी : किसानों को प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश में सरकार ने घोषणा की कि मुख्यमंत्रियों की एक समिति उनकी मांगों पर विचार करेगी, लेकिन प्रदर्शनकारी जमे रहे और उन्होंने कहा कि वे आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं। आक्रोशित किसानों का कहना है कि उनके पास 10 दिन का राशन-पानी है। इस बार अपनी मांगों को मनवाए बिना पीछे नहीं हटेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किसानों के मुद्दे पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत की जिसके बाद केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों पर विचार किए जाने का भरोसा दिलाया। विरोध प्रदर्शन का आह्वान करनेवाले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं।
बीकेयू के प्रदर्शन और मार्च को देखते हुए शहर पुलिस ने सोमवार को पूर्वी और उत्तर पूर्व दिल्ली में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी। धारा 144 8 अक्तूबर तक लगी रहेगी। निषेधाज्ञा प्रभावित क्षेत्र में प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर थाना क्षेत्र शामिल हैं।