भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के लिए अब विरोधी दल भाजपा से अधिक उसके अपने ही मंत्रियों के बयान मुसीबत का सबब बन गए हैं। नए पीसीसी चीफ को लेकर पार्टी में शुरू हुए घमासान ने अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी अपनी चपेट में ले लिया है। सरकार के सीनियर मंत्री और आदिवासी नेता उमंग सिंघार ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर सरकार को अस्थिर करने और पर्दे के पीछे रहकर सरकार चलाने का आरोप लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के मंत्रियों को पत्र लिखने पर कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार ने सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह पर हमला बोलते हुए वन मंत्री ने कहा कि जब दिग्विजय सिंह पर्दे के पीछे रहकर सरकार चला रहे हैं, तो उनको चिट्टी लिखने की आवश्यकता क्यों? उमंग सिंघार ने यह भी कहा कि प्रदेश में सरकार कौन चला रहा है, इसको प्रदेश की जनता के साथ ही कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जान रहा है। वहीं उमंग सिंघार ने एक तरह से मुख्यमंत्री कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ काम करना चाहते हैं, लेकिन दिग्विजय सिंह उनको काम नहीं करने देना चाह रहे हैं। उन्होंने दिग्विजय को निशाने पर लेते हुए कहा कि जब उनके सभी काम हो रहे हैं तो उनको पत्र लिखने की क्या जरूरत?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल माने जाने वाले वन मंत्री उमंग सिंघार ने जिस तरह दिग्विजय सिंह पर हमला बोलकर मुख्यमंत्री कमलनाथ का बचाव किया है, उससे अब यह बात एकदम साफ हो गई है कि पीसीसी चीफ के नए नाम को लेकर कांग्रेस के सभी धड़े एक-दूसरे के सामने आकर खड़े हो गए हैं। पहले दिग्विजय और सिंधिया गुट की आपसी खींचतान सामने आना उसके अब कमलनाथ गुट के मंत्री का दिग्विजय पर हमला बोलना कांग्रेस में कलह की पूरी कहानी को बयां करता है
अपनी ही सरकार के वन मंत्री के इस बयान के बाद पूरी कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। पार्टी इसे वन मंत्री की निजी राय बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है तो दूसरी ओर भाजपा ने इस पर तंज कसा है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि दिग्विजय सिंह प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर है और सत्ता और संगठन इन्हीं से संचालित है। उन्होंने दिग्विजय सिंह के पत्र लिखने को शगूफाबाजी बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उमंग सिंघार के बयान को ट्वीट करते हुए सरकार पर तंज कसा है।