कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित गहनों की एक कंपनी को कथित रूप से अवैध विदेशी विनिमय में शामिल होने पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 7,220 करोड़ रुपए का कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, यह फर्म देश के 100 शीर्ष इरादतन बैंक कर्ज चूककर्ताओं में से एक है। यह फर्म और उसके तीन प्रवर्तक बंधु (नीलेश पारेख, उमेश पारेख और कमलेश पारेख) की सीबीआई और खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआई) द्वारा भी जांच की जा रही है। डीआरआई ने 2018 में नीलेश को गिरफ्तार भी किया था।
ईडी ने 2018 में फर्म और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ धनशोधन का मामला भी दर्ज किया था। उन पर 25 बैंकों के समूह से 2672 करोड़ रुपए की कथित धोखाधड़ी करने का भी आरोप है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि फेमा का कारण बताओ नोटिस एक साल से भी ज्यादा समय तक चली जांच के बाद विदेशी मुद्रा कानून की विभिन्न धाराओं के तहत जारी किया गया है।
ईडी के मुताबिक, कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर फेमा के तहत अनाधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन का सहारा लेने, भारत के बाहर विदेशी मुद्रा रखने और निर्यात आय के रूप में 7,220 करोड़ रुपए की रकम को निकालने के आरोप लगाए गए हैं।