बांग्लादेश में तख्‍तापलट का भारत पर क्या होगा असर?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 6 अगस्त 2024 (13:40 IST)
Bangladesh : शेख हसीना के देश छोड़कर भागने और बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पड़ोसी देश को लेकर भारत की चिंता बढ़ गई है। यहां रहने वाले 13,000 भारतीयों पर संकट के बादल नजर आ रहे हैं। तख्तापलट के बाद कई हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया। ALSO READ: बांग्लादेश मामले में क्या है भारत का रुख, विदेशमंत्री जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक में बताया
 
1971 में बांग्लादेश को अलग के रूप में मान्यता दिलाने भारत ने बड़ी भूमिका निभाई थी। अगर भारत मदद नहीं करता तो अलग बांग्लादेश का अस्तित्व नहीं होता। पाकिस्तान से अलग होकर बने बांग्लादेश के साथ भारत हर मुश्किल समय में खड़ा रहा। शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत पहुंचीं और गाजियाबाद में रात बिताई।
 
बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। ऊर्जा, व्यापार, आधारभूत अवसंरचना, कनेक्टिविटी और रक्षा के क्षेत्र भारत ने बांग्लादेश के साथ बड़े समझौते किए हैं। भारत बांग्लादेश को गेहूं, चीनी, कॉटन, कॉटन वेस्ट समेत कई वस्तुओं का निर्यात करता है। इसके साथ ही भारत से यहां हरी सब्जियां, फल, मसालें और खाद्य तेल का भी निर्यात होता है।
 
भारत में बांग्लादेश से कपड़े, जूट से बना सामान, चमड़े का सामान, समुद्री उत्पाद और मछली का आयाता होता है। बांग्लादेश जेनरिक दवाओं और फार्मास्यूटिकल प्रोडक्ट का मुख्य निर्यातक बन रहा था। भारत भी पड़ोसी देश से फार्मास्यूटिकल उत्पादों आयात करता है। ALSO READ: बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे किसका हाथ?
 
पश्चिम बंगाल के छात्रों के लिए मेडिकल की पढ़ाई का सबसे पसंदीदा ठिकाना बन गया था। भारत के मुकाबले पढ़ाई पर होने वाला कम खर्च, रहन-सहन, बोली और खान-पान की समानताओं की वजह से भारतीय छात्रों की दिलचस्पी यहां बढ़ रही है। रूस-युक्रेन युद्ध के बाद इस राज्य से पढ़ाई के लिए बांग्लादेश जाने वाले छात्रों की तादाद बढ़ी है।
 
भारत ने बांग्लादेश में तखता पलट के बाद फिलहाल आवागमन से जुड़ी सभी सेवाएं रोक दी हैं। इससे दोनों देशों के आयात निर्यात पर बुरा असर होगा।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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