बेशर्म मुसाफिर! प्‍लेन से लेकर बसों तक क्‍यों शर्मसार कर रहे भारतीय मुसाफिर?

नवीन रांगियाल
पिछले कुछ समय से भारत में ऐसी घटनाएं देखने को मिली हैं, जिनके बारे में सुन और पढ़कर ही शर्मिंदगी महसूस होती है। यहां तक कि इनके बारे में सार्वजनिक तौर पर बात करना ही मुश्‍किल है। लेकिन इन घटनाओं का जिक्र इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि इनसे न सिर्फ देश की छवि खराब हो रही है, बल्‍कि एक तरह से भारतीयों की बदलती मानसिकता का भी संकेत दे रही है। आखिर अचानक ऐसा क्‍या हुआ है कि भारतीय ट्रेन में, बसों में और यहां तक कि फ्लाइट तक में ऐसी अजीब और बेशर्म हरकतें करने लगे हैं कि उनके बारे में जानकर हर कोई शर्मिंदा हो जाए। पहले जानते हैं शर्मसार करने वाली इन घटनाओं के बारे में।

केस- 01
महिला यात्री पर की पेशाब
हाल ही में नशे में धुत पुरुष यात्री ने न्यूयॉर्क से दिल्ली जाने वाली एयर इंडिया की एक फ्लाइट में बिजनेस क्लास में बैठी 70 साल की एक महिला यात्री पर पेशाब कर दी। पेशाब करने वाला यात्री नशे में धुत था। पीड़ित महिला ने केबिन क्रू को सूचना दी, लेकिन उन्होंने यात्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई चेतावनी दी। बल्‍कि आरोपी विमान लैंड होने के बाद आराम से वहां से चला गया। महिला को थककर टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को एक पत्र लिखकर अपनी व्‍यथा बतानी पड़ी। पीड़ित बुजुर्ग महिला यात्री ने अपने पत्र में कहा कि विमान के केबिन क्रू ने घटना पर कोई रिएक्‍शन नहीं दिया। उन्होंने लिखा कि मैं व्यथित हूं कि एयरलाइन ने इस घटना के दौरान मेरी सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने की कोशिश तक नहीं की। मामला सामने आने के बाद हालांकि एयर इंडिया ने आरोपी यात्री को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डाला।

केस- 02
बस में महिला को दिखाया प्राइवेट पार्ट
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की एक बस में एक व्यक्ति द्वारा एक महिला के सामने अपना प्राइवेट पार्ट दिखाने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया जा रहा है, जिसमें बस का मार्शल यह दावा कर रहा है। पुलिस ने जांच शुरू की है, लेकिन महिला ने बयान देने या टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वीडियो में आरोपी की पहचान जाकिर के तौर पर हुई है। बस के मार्शल संदीप छिखारा जब वीडियो में महिला से घटना के बारे में पूछते हैं तो वह यह आरोप लगाती सुनी जा सकती है कि शख्स ने उसके सामने अपना गुप्तांग दिखाया है। मार्शल द्वारा पकड़े जाने पर वह रोता हुआ दिख रहा है। घटना उत्तर पश्चिम दिल्ली के रोहिणी में हुई थी।

केस- 03
फ्लाइट में युवक की पिटाई
कोलकाता से थाइलैंड जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट में मारपीट की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ। जिसमें किसी बात को लेकर तीन- चार लोगों ने एक युवक की फ्लाइट में ही पिटाई कर दी थी। पहले जमकर बहस और गाली-गलौच की गई। उसके बाद दो तीन लोगों ने मिलकर एक युवक को थप्‍पड़ मारे और धक्‍का- मुक्‍की की। इस तरह के विवाद आमतौर पर बसों में देखने को मिलते हैं, लेकिन अब यह फ्लाइट में भी होने लगा है।

केस- 04
क्रू मेंबर से यात्री की बदतमीजी
फ्लाइट में ही सफर के दौरान एक और वीडियो सामने आया, जिसमें एक यात्री ने फ्लाइट की क्रू मेंबर से जमकर बदतमीजी की। उसने महिला क्रू मेंबर को इतना बुरी तरह से डांटा कि वो एक तरफ जाकर रोने लगी। जानकारी के मुताबिक यात्री ने खाने के लिए कोई सामग्री मांगी थी, जो उपलब्‍ध नहीं था। इस बात से व्‍यथित होकर एक दूसरी क्रू मेंबर ने उस यात्री को ठीक से बिहेव करने को लेकर जमकर लताड़ लगाई थी। उसने यात्री की लू उतारते हुए कहा था कि हम फ्लाइट के स्‍टाफ और एम्‍पलाई हैं आपके गुलाम और नौकर नहीं हैं। इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।

क्‍या कहते हैं मनोचिकित्‍सक?
इंदौर के जाने-माने मनोचिकित्‍सक डॉ वीएस पॉल ने वेबदुनिया को बताया कि सबसे पहली और महत्‍वपूर्ण बात तो यह है कि पढा-लिखा होना और नैतिक व्‍यवहार या जिम्‍मेदारी दोनों अलग-अलग चीजें हैं। पढे-लिखे होने से नैतिक व्‍यवहार से कोई फर्क नहीं पडता। इसमें महत्‍वपूर्ण बात यह है जो लोग इस तरह की हरकतें कर रहे हैं, उनका बचपन कैसे गुजरा, उनकी परवरिश कैसे हुई है और उनके परिवार में क्‍या माहौल रहा है। दूसरा इस दौडती-भागती जिंदगी में हर आदमी बहुत स्‍ट्रेस में है, वो किसी भी बात को सहन करने या धैर्य से उससे निपटने के लिए तैयार नहीं है। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए रिलेक्‍स रहना, अपनी मेंटल हेल्‍थ पर ध्‍यान देना और मानसिक व शारीरिक हेल्‍थ में संतुलन बनाए रखना बहुत जरूरी है।

मनोचिकित्‍सक डॉ सत्‍यकांत त्रिवेदी ने वेबदुनिया को बताया कि कोरोना काल के बाद मानसिक संतुलन में अस्‍थिरता बढी है। लोगों में धैर्य की कमी हो गई है। धैर्य नहीं होना, जल्‍दी और बगैर सोचे-समझे रिएक्‍ट करना भी खराब मेंटल हेल्‍थ के लक्षण हैं। ओटीटी आदि का भी लोगों पर असर है, जबकि इसे सिर्फ बतौर मनोरंजन लिया जाना चाहिए। हमें मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य की बेहतरी के लिए अभियान चलाना चाहिए। कुल मिलाकर मेंटल असेसमेंट की बहुत जरूरत है।

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