government's foreign policy: कांग्रेस (Congress) ने गुरुवार को मोदी सरकार (Modi government) की विदेश नीति के विफल रहने और घरेलू राजनीतिक नफे-नुकसान से प्रभावित होने का आरोप लगाया और दावा किया कि अमेरिका की तरफ से हाल के दिनों में भारत को 3 बड़े कूटनीतिक झटके लगे हैं तथा वॉशिंगटन का हालिया रुख चुनौती और चेतावनी दोनों हैं। पार्टी महासचिव जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल विभाजनकारी राजनीति में रुचि रखते हैं जिसके बारे में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
भारतीय विदेश नीति और कूटनीति को 3 झटके लगे : रमेश ने कहा कि कल, भारतीय विदेश नीति और कूटनीति को 3 और बड़े एवं स्पष्ट झटके लगे। अमेरिकी केंद्रीय कमान के जनरल (माइकल कुरिल्ला) ने बयान दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद से मुकाबले में एक शानदार साझेदार है। शानदार क्या है? 2 मई, 2011 को ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था और आप उस देश को एक शानदार साझेदार कह रहे हैं। उनके अनुसार पहला झटका अमेरिकी जनरल द्वारा पाकिस्तान को क्लीन चिट देना है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि तीसरा झटका यह है कि अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने फिर से दोहराया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करवाया। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में रख दिया है तथा प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस पर पूरी तरह से चुप हैं।
रमेश ने कहा कि क्या वह (मोदी) चीन और पाकिस्तान के साथ हमारी चुनौतियों और अब अमेरिका के साथ हमारी चुनौती पर विशेष चर्चा कराने जा रहे हैं। हमने सोचा था कि हमारा अमेरिका के साथ हनीमून का दौर चल रहा है, लेकिन उसने कल भारतीय कूटनीति को 3 बड़े झटके दिए हैं। रमेश ने कहा कि यह भारत सरकार, प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की और उनके पक्ष में ढोल बजाने वालों की विफलता है।