7 भाजपा विधायकों- मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल बाजपेयी, जितेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष कार्यवाही पूरी होने तक विधानसभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए पिछले महीने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
दूसरी तरफ विधानसभा प्रशासन ने अदालत को आश्वासन दिया था कि विधायकों का निलंबन सदन में असंतोष की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं है, बल्कि उनके (इन विपक्षी विधायकों के) 'एक के बाद एक कर अशोभनीय बर्ताव' के आलोक में 'आत्मानुशासन' (सिखाने) का तरीका है।
भाजपा विधायकों ने अभिभाषण में कई बार व्यवधान डाला था : सक्सेना ने 15 फरवरी को जब विधानसभा में राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की उपलब्धियों का बखान किया था तब इन भाजपा विधायकों ने उनके अभिभाषण में कई बार व्यवधान डाला था। आप विधायक दिलीप पांडे ने बाद में उनके निलंबन का प्रस्ताव पेश किया था।