नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग ने शुक्रवार को कहा कि सरकार पर कर्ज के भारी दबाव के कारण भारत की रेटिंग में सुधार रुक गया है। फिच का यह बयान ऐसे समय आया है जब एक ही दिन पहले पेश बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत किया है।
फिच रेटिंग के निदेशक एवं प्राथमिक स्वायत्त विश्लेषक (भारत) थॉमस रूक्माकर ने कहा, 'यदि अच्छे से क्रियान्वयन किया गया तो इन क्षेत्रों में किया गया खर्च मतदाताओं के बड़े वर्ग तक पहुंचेगा जो कि आगामी चुनाव के लिहाज से महत्वहीन नहीं होगा।'