Holi and jume ki namaz : संभल से शुरू हुआ होली और जुमे की नमाज का विवाद दरभंगा होते हुए दिल्ली तक पहुंच गया। होली और रमजान के माह में जुमे की नमाज एक ही दिन होने की वजह से सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। कई मुस्लिम संगठनों ने नमाज के लिए होली में 2 घंटे के ब्रेक की मांग की है तो कई हिंदूवादी नेताओं का कहना है कि होली के दिन मुसलमानों को घर पर ही नमाज पढ़ना चाहिए। इन लोगों का तर्क है कि जुमे की नमाज तो साल में 52 बार आती है जबकि होली वर्ष में एक ही बार आती है।
दरभंगा की महापौर अंजुम आरा ने जिला शांति समिति की बैठक में कहा कि होली के दिन दोपहर के समय 2 घंटा मस्जिद और नमाज पढ़ने की जगहों से होली खेलने वाले दूरी बना कर रखें। उन्होंने कहा कि होली के कारण जुम्मा की नमाज का समय नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि होली और रमजान पहले भी कई बार एक ही दिन मनाया जा चुका है। उन्होने शहरवासियों से शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में दोनो त्योहार खुशी पूर्वक मनाने की अपील की।
इधर दिल्ली के भाजपा विधायक करनैल सिंह ने कहा कि होली के दिन नमाज घर पर ही पढ़ी जानी चाहिए। ताकि मुसलमानों को हमसे कोई शिकायत न हो कि ऐसा हो गया, वैसा हो गया। जुमा साल में 52 बार आता है. हमारी होली एक बार आती है इसलिए मुसलमान घर पर नमाज पढ़ें।
इससे पहले उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री रघुराज सिंह ने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि जिसे होली के रंग से बचना है वह हिजाब पहन लें। जैसे मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनती हैं, वैसे ही पुरुष भी पहनें। उन्होंने कहा कि इससे टोपी और शरीर दोनों बचे रहेंगे। उन्होंने कहा कि होली साल में एक बार आती है। होली खेलने वाले रंग डालते समय यह नहीं देखते कि रंग कितनी दूर तक जा रहा है।
इस बीच होली से पहले यूपी पुलिस ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि त्योहारों के दौरान कोई नई परंपरा शुरू न होने दी जाए। सभी त्योहार परंपरागत तरीके से मनाए जाएं। असामाजिक तत्वों की पहले से पहचान कर उनके खिलाफ प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई की जाए। पिछले वर्षों में होली से जुड़े विवादों और मामलों की समीक्षा कर उसके अनुसार प्रभावी निरोधात्मक कार्रवाई की जाए।