नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारतीय स्मार्टफोन उद्योग को कुछ उत्पादों की आपूर्ति बाधित होने का असर दिखना शुरू हो गया है। बाजार पर नजर रखने वालों ने यह बात कही। घरेलू स्मार्टफोन उद्योग मोबाइल के कलपुर्जों समेत अन्य चीजों के लिए चीन पर काफी हद तक निर्भर है। एरिक्सन, अमेजन, सोनी समेत अन्य बड़ी कंपनियों ने 24 फरवरी से शुरू होने वाली मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस से किनारा कर लिया है।
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने बताया, 'हां , उद्योग पहले से ही असर महसूस कर रहा है और कुछ उत्पादों एवं मॉडलों पर असर पड़ा है। अभी किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी क्योंकि कुछ चुनिंदा कारखानों के चरणबद्ध तरीके से फिर से उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।'
उद्योग से जुड़े लोगों ने माना कि जमीनी स्तर पर स्थिति खराब है क्योंकि चीन से भारी मात्रा में स्मार्टफोन से जुड़े सामग्रियों की आपूर्ति होती है। उन्होंने कहा कि इस समय बाजार में नरमी है और मांग में सुस्ती है।
शिओमी, ओप्पो , विवो और पोको ने आपूर्ति पर प्रभाव पड़ने को लेकर भेजे गए ई - मेल का जवाब नहीं दिया है। वहीं रियलमी ने ई - मेल से भेजे जवाब में कहा कि उसकी आपूर्ति श्रृंखला पर अभी असर नहीं पड़ा है और भारत में रियलमी के उत्पादन / स्टॉक पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है।
कंपनी ने कहा, भारत में बिकने वाले रियलमी के सभी स्मार्टफोन यहीं बने हैं। कोरोना वायरस के प्रकोप से लॉजिस्टिक्स बाधा और काम फिर से शुरू होने में कुछ देरी हुई है, जिससे चीन से कुछ आपूर्ति प्रभावित हुई है लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है। कंपनी ने कहा कि वह स्मार्टफोन उद्योग पर प्रभाव की करीब से निगरानी कर रहा है।
कोरोना वायरस प्रकोप का असर बार्सिलोना में होने वाले मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (MWC) पर भी दिखने लगा है। मोबाइल कांग्रेस 24 से 27 फरवरी को होनी है। एरिक्सन, अमेजन, सोनी समेत अन्य बड़ी कंपनियों ने मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस से किनारा कर लिया है।
वीवो ने मंगलवार को बयान में कहा कि वह कोरोना वायरस प्रकोप पर करीब से नजर रख रहा है और मोबाइल कांग्रेस और उसने उससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों में कदम रखने से दूर रहने का फैसला किया है।