बताया जा रहा है कि विभाग ने 1 जून 2015 से दिसंबर 2018 के बीच उन रजिस्ट्रीज को स्कैन किया है, जिनमें कैश पेमेंट 20 हजार रुपए से अधिक किया गया। अचल संपत्तियों के खरीद-बिक्री में काले धन पर लगाम लगाने के लिए यह सीमा रखी गई है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) की ओर से 1 जून 2015 से लागू कानून के मुताबिक, कृषि भूमि सहित रियल एस्टेट के किसी ट्रांजैक्शन में 20 हजार रुपए से अधिक का लेन-देन चेक, RTGS या NEFT जैसे माध्यम से ही किया जा सकता है। इनकम टैक्स ऐक्ट, सेक्शन 271D के तहत उस राशि के बराबर जुर्माना, नकद प्राप्त करने वाले विक्रेता पर लगाया जा सकता है।