नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा ईरान पर नवंबर से फिर से प्रतिबंध लगने वाले हैं। ऐसे में चीन और भारत इससे निपटने के लिए अभी से तैयारियों में जुट गए हैं। दरअसल, अमेरिका के प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद देश की टॉप शिपिंग कंपनियों ने अपनी वहां की यात्राएं रोक दी हैं।
भारत सरकार ने यह फैसला चीन के बाद लिया है। प्रतिबंध का वक्त नजदीक आते-आते चीन ने भी सारा आयात नेशनल ईरानियन टैंकर कंपनी (NITC) से करवाना शुरू कर दिया था। दरअसल, अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद पश्चिम की बीमा कंपनियां डर गई हैं और शिपिंग का बीमा नहीं कर रहीं। भारत को भी NITC का रुख इसलिए ही करना पड़ा है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने राज्य की रिफाइनरीज को कहा है कि वह ईरान के साथ अब सीआईएफ (कॉस्ट, इंश्योरेंस और फ्राइट) के तहत डील करें। इसके अंतर्गत ईरान इंश्योरेंस और शिपिंग की व्यवस्था करेगा। ऐसे में भारत पश्चिमी बीमा कंपनियां के बीमा न करने के बावजूद राहत में रहेगा।
भारत और चीन ईरान से तेल खरीदने वाले मुख्य दो देश हैं। अगर दोनों देश प्रतिबंध के बाद भी ईरान से तेल खरीदना जारी रखेंगे तो उसपर असर कम होगा और वह ऑइल की वैश्विक मार्केट से पूरी तरह से बाहर नहीं होगा। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 2015 में यूएस को एक परमाणु डील से बाहर कर लिया था जो ईरान और 6 बड़े देशों के बीच होनी थी। साथ ही ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की बात भी कही थी। (एजेंसियां)