भारत ने रविवार को यूक्रेन संकट पर स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित शांति शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति से खुद को जोड़ने से परहेज किया और कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा। भारत ने घोषणा की है कि वह स्विट्जरलैंड में चल रहे यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन के संयुक्त वक्तव्य का हिस्सा नहीं होगा।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन के शांति फार्मूले पर आधारित पूर्ववर्ती एनएसए या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि इस तरह के समाधान के लिए संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा कि इस संबंध में, भारत सभी हितधारकों के साथ-साथ दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि शीघ्र और स्थायी शांति लाने के लिए सभी गंभीर प्रयासों में योगदान दिया जा सके।
करीब 100 देश हुए शामिल : सम्मेलन में पश्चिमी देशों के 100 के करीब प्रतिनिधि शामिल हुए। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले देशों में भारत, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और यूएई भी शामिल रहे। हालांकि इनके प्रतिनिधियों ने अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए और इन देशों का फोकस परमाणु सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और कैदियों के आदान-प्रदान पर ही रहा। ब्राजील इस सम्मेलन में बतौर ऑब्जर्वर देश के तौर पर शामिल हुआ, लेकिन उसने भी अंतिम दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। वहीं तुर्किए ने हस्ताक्षर किए। इनपुट भाषा