भारत ने किया VL-SRSAM मिसाइल का सफल परीक्षण, समंदर में नहीं चलेगी दुश्मन की एक भी चाल

शुक्रवार, 24 जून 2022 (18:20 IST)
बालेश्वर (ओडिशा)। भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण क्षेत्र, चांदीपुर से वर्टिकल लांच शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। वीएल-एसआरएसएएम पोत से चलने वाली हथियार प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों से निपटना है। इससे भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमता और मजबूत होगी।

एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है कि वीएल-एसआरएसएएम पोत से चलने वाली हथियार प्रणाली है, जिसका उद्देश्य सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों से निपटना है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मिशन की सफलता पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना को बधाई दी।

उन्होंने ट्वीट किया, डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और रक्षा उद्योग को चांदीपुर, ओडिशा के तट पर वर्टिकल लांच शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल के सफल उड़ान परीक्षण के लिए बधाई। यह सफलता हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगी।

बयान में कहा गया है कि वाहन के उड़ान पथ की निगरानी चांदीपुर आईटीआर द्वारा तैनात कई ट्रैकिंग उपकरणों का इस्तेमाल करके की गई। परीक्षण लांच की निगरानी डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने की।

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने भी नौसेना और डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस स्वदेशी मिसाइल प्रणाली के विकास से भारतीय नौसेना की रक्षात्मक क्षमता और मजबूत होगी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने अभियान में शामिल टीमों की सराहना की।

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ओडिशा में चांदीपुर तट पर डीआरडीओ और भारतीय नौसेना द्वारा जहाज से कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। वीएल-एसआरएसएएम पोत पर तैनात की जाने वाली हथियार प्रणाली है, जो समुद्र-स्किमिंग लक्ष्यों सहित सीमित दूरी के विभिन्न हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाजों की रक्षा क्षमता को और बढ़ाएगा। यह कदम देश को रक्षा क्षेत्र में ’आत्मनिर्भर’ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। - Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) 25 June 2022


उन्होंने कहा कि हथियार प्रणाली भारतीय नौसेना के लिए लाभदायक साबित होगी और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण की दिशा में एक और मील का पत्थर है।(भाषा)
फोटो सौजन्‍य : टि्वटर

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