Weather update : घना कोहरा और कड़ाके की ठंड से बेहाल दिल्ली समेत उत्तर भारत, IMD ने बताया कब मिलेगी राहत

Webdunia
बुधवार, 11 जनवरी 2023 (00:07 IST)
नई दिल्ली। कड़ाके की ठंड से ठिठुर रहे उत्तर भारत के लोगों के लिए राहत की खबर है। अगले चार दिनों तक राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में शीत लहर की स्थिति की संभावना नहीं है। पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम की बात करें तो दिल्ली में मंगलवार को शीतलहर की स्थिति से उत्तर पश्चिमी भारत को प्रभावित करने वाले एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के कारण थोड़ी राहत मिली। 
 
उत्तर भारत के कई इलाकों में तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई। राजस्थान के चुरु में सबसे कम 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। 
 
पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 
जम्मू कश्मीर में ज्यादातर स्थानों पर तापमान शून्य से नीचे चला गया लेकिन श्रीनगर और कुपवाड़ा में कुछ बेहतर स्थिति रही। हालांकि घने कोहरे के कारण दृश्यता घटकर 50 मीटर रह गई जिससे सड़क तथा रेल यातायात प्रभावित हुआ। 
मौसम विभाग के मुताबिक बिहार, मध्य महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ अलग-अलग हिस्सों में शीत लहर की स्थित फिलहाल बनी रहेगी।
 
दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सोमवार को 3.8 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले मंगलवार को 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लोधी रोड और पालम के मौसम केंद्रों ने न्यूनतम तापमान क्रमश: 6.4 डिग्री सेल्सियस और 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।
 
इससे पहले दिल्ली में सोमवार को न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस, रविवार को 1.9 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 2.2 डिग्री सेल्सियस, शुक्रवार को 4 डिग्री सेल्सियस, गुरुवार को 3 डिग्री सेल्सियस और बुधवार को 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
 
पंजाब और हरियाणा में मंगलवार को ज्यादातर स्थानों पर कड़ाके की ठंड रही और सुबह घने कोहरे के कारण दृश्यता में भी गिरावट दर्ज की गई।
 
पंजाब के बठिंडा में तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 2.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अमृतसर में न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस, लुधियाना में 8.2 डिग्री सेल्सियस, पटियाला में 7.9 डिग्री सेल्सियस, पठानकोट में 10.4 डिग्री सेल्सियस, फरीदकोट में छह डिग्री सेल्सियस और गुरदासपुर में 6.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
 
हरियाणा के भिवानी में न्यूनतम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अंबाला में पारा 8.2 डिग्री सेल्सियस, हिसार में 4.3 डिग्री सेल्सियस, करनाल में 8.5 डिग्री सेल्सियस, नारनौल में पांच डिग्री सेल्सियस, रोहतक में 7.2 डिग्री सेल्सियस और सिरसा में चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
 
अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस सप्ताह के आखिर तक घाटी एक और पश्चिमी विक्षोभ की चपेट में आ सकती है।
 
श्रीनगर में सोमवार की रात न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो पिछली रात 0.9 डिग्री सेल्सियस था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा बुलेटिन के अनुसार ‘उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों से शीत लहर की स्थिति कम हो गई है और अगले चार दिनों के दौरान उत्तर भारत में शीत लहर की स्थिति की संभावना नहीं है।’
 
मौसम विज्ञानी तीव्र ठंड के लंबे दौर के लिए दो पश्चिमी विक्षोभों के बीच एक बड़े अंतर को जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसका अर्थ है कि बर्फ से ढके पहाड़ों से ठंडी हवाएं सामान्य से अधिक समय तक चलीं।
 
आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि जब एक पश्चिमी विक्षोभ (मध्य पूर्व से आने वाली गर्म नम हवाओं वाली एक मौसम प्रणाली) एक क्षेत्र में पहुंचता है, तो हवा की दिशा बदल जाती है। इसलिए, पहाड़ों से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं कुछ दिनों के लिए बहना बंद कर देंगी, जिससे तापमान में वृद्धि होगी।
 
मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले तीन दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि हो सकती है, जबकि अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना है।
 
उसने कहा अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घना कोहरा छाया रहेगा और ठंड की स्थिति बनी रहेगी। आईएमडी ने कहा कि हालांकि इसके बाद इस स्थिति में सुधार की संभावना है।
 
उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पंजाब, बिहार, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में कोहरे की घनी परत दिखाई दे रही है।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया कि इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला में दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई।
 
मौसम कार्यालय के मुताबिक, दृश्यता जब शून्य से 50 मीटर के बीच रह जाती है तो उस समय ‘बहुत घना’ कोहरा होता है। वहीं, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘घना’, 201 से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम’ और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता की स्थिति में ‘हल्का’ कोहरा होता है। भाषा

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