भारतीय वायुसेना द्वारा एक आरटीआई आवेदन को दिए गए जवाब के अनुसार, सरकार के 8 नवंबर 2016 को 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों को अचानक से प्रचलन से बाहर करने के बाद उसके परिवहन विमानों सी-17 और सी-130जे सुपर हरक्यूलिस ने सेक्युरिटी प्रिंटिंग प्रेस और टकसालों से देश के विभिन्न हिस्सों में नोटों की ढुलाई करने के लिए 91 चक्कर लगाए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने नोटबंदी की घोषणा करने से पहले खुद को पूरी तरह तैयार किया होता तो इस तरह की स्थिति से बचा जा सकता था। नोटबंदी के बाद सरकार ने 2016-17 में 500 और 2000 रुपए और अन्य मूल्य के नए नोटों की छपाई पर 7965 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस मद में पिछले वर्ष में खर्च की गई 3421 करोड़ रुपए की रकम की तुलना में यह दोगुनी राशि थी।