नई दिल्ली। नौसेना की पश्चिमी कमान अगले पखवाड़े में पश्चिमी तट पर एक अहम अभ्यास की तैयारियों में जुटी है। नौसेना के प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि मानसून के लौटने के बाद समुद्र की स्थिति में सुधार होता है और यह संचालन तैयारियों, विभिन्न प्रक्रियाओं, नई रणनीतियों और नौसेना के अभियानों को कसौटी पर परखने का उचित समय होता है।
उन्होंने कहा कि नौसेना की यह परंपरा रही है कि वह मानसून के बाद अनुकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए अभ्यास और नौसैनिक पोतों की तैनाती में जुट जाती है। यह नौसैनिक पोतों की तैनाती, संचार योजनाओं के परीक्षण और अभ्यास के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है।
अभ्यास के दौरान फायरिंग ड्रिल, युद्धपोत से हेलीकॉप्टर ऑपरेशन, संचालन संबंधी साजो-सामान को लाने तथा ले जाने और अन्य मानक प्रक्रियाओं के माध्यम से नौसेना की क्षमता और दक्षता को परखा जाएगा। अदन की खाड़ी में लंबे समय से समुद्री डकैतों के खिलाफ अभियान और ओमान की खाड़ी में ऑपरेशन संकल्प के मद्देनजर तैनाती के चलते भारतीय नौसेना की अरब सागर में महत्वपूर्ण भूमिका है।
नौसेना की पश्चिमी कमान ने सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने की तैयारी के मद्देनजर हाल ही में 'प्रस्थान' अभ्यास किया था, जो गत 17 अक्टूबर को संपन्न हुआ था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी सितंबर के अंत में पश्चिमी कमान के दौरे पर गए थे और नौसेना ने उस समय अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन भी किया था।