जम्मू। कल बन टोल प्लाजा नगरोटा में जैशे मुहम्मद के जिन 4 आतंकियों को मार गिराया था, कहां से टपके थे, फिलहाल अभी तक कोई ठोस जानकारी इसलिए नहीं मिल पाई है क्योंकि इस मुद्दे पर बीएसएफ और पुलिस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो चुका है।
कल जारी मुठभेड़ के बीच ही पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने दावा कर दिया था कि आतंकी सांबा सेक्टर से घुसे थे और 70 किमी का सफर तय करके नगरोटा पहुंचे थे। जबकि अपने दावों के दौरान वे इस तथ्य को नजरअंदाज करते थे कि इस 70 किमी के यात्रा मार्ग में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के तीन दर्जन से ज्यादा नाके थे और वे इन नाकों को कैसे पार कर गए।
पहले यह भी आशंका व्यक्त की जा रही थी कि आतंकी सीमा क्षेत्र में उपस्थित किसी सुरंग से इस ओर आने में कामयाब हुए हैं जैसा कि पहले अतीत में कई बार हो चुका था। पर क्षेत्र की गहन पड़ताल के बाद भी बीएसएफ ऐसी किसी सुरंग का पता नहीं लगा पाई है। हालांकि पिछले दो सालों में ऐसी 10 सुरंगों को नेस्तनाबूद किया गया था।
यही नहीं इस साल 31 जनवरी को भी जैश के तीन आतंकियों को इसी टोल प्लाजा पर ढेर कर दिया गया था। तब भी पुलिस महानिदेशक ने दावा किया था कि वे हीरानगर सेक्टर से घुसे थे और उन्होंने 88 किमी का सफर बेरोकटोक किया था। इस सच्चाई के बावजूद कि उन्होंने 88 किमी के सफर में 42 नाकों को पार किया था और तब आतंकियों को कश्मीर ले जा रहे ट्रक चालक ने यह बयान देकर पुलिस के ही दावों पर शंका पैदा कर दी थी जिसमें उसका कहना था कि उसने इन आतंकियों को सांबा में चीची माता के बाहर से राजमार्ग से बिठाया था और यह पिकअप प्वाइंट हीरानगर से 20 किमी की दूरी पर था।