भगवान जगन्नाथ, भाई बलराम और बहन सुभद्रा के तीन रथों की अगुवाई करीब 18 सजे हुए गजराज यात्रा में सबसे आगे हैं। उसके बाद 101 प्रकार की झांकियां, इस दौरान कसरत के प्रयोग दिखाते हुए 30 अखांड़े, 18 भजन मंडली, तीन बैंडबाजे भी भगवान के रथ के साथ करीब 2500 से अधिक साधु-संत हरिद्वार, अयोध्या, नासिक, उज्जैन, जगन्नाथपुरी और सौराष्ट्र से इस रथयात्रा में आए हैं।