नई दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन ने राजस्थान के जयपुर में शूटिंग के दौरान फिल्म पद्मावती के सेट पर हुए हमले का जिक्र करते हुए मांग की कि बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले फिल्म उद्योग के लोगों के साथ होने वाली इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
शून्यकाल में जया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हमारे संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है लेकिन हालिया समय में असहिष्णुता की घटनाओं में वृद्धि हुई है और ज्यादातर मामलों में यह कथित राजनीतिक संरक्षण के चलते हुआ है। जो लोग इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं उनका कानून व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं होता।
उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग भी इसी तरह की समस्या का शिकार अक्सर होता है। उन्होंने कहा कि इस बात पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि फिल्म उद्योग बहुत बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करता है और केवल मनोरंजन के उद्देश्य से कल्पनाओं को उड़ान दे कर फिल्म का निर्माण करता है। लेकिन कभी कहानी को लेकर आपत्ति जताई जाती है, कभी किसी संवाद को लेकर शिकायत दर्ज कराई जाती है।
कथानक, गीत संगीत, परिप्रेक्ष्य आदि को लेकर आपत्ति जताने के साथ साथ सेट पर तोड़फोड़ तक की जाती है। यह हमला सीधे-सीधे रचनात्मकता पर होता है। उन्होंने कहा कि भंसाली जानामाना नाम हैं और उनके साथ इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए।
जया ने कहा कि भंसाली ऐसे पहले भारतीय निर्देशक हैं जिन्होंने वर्ष 2008 में 'पद्मावती' ऑपेरा का पेरिस के थिएटर दू शैटेलेट में निर्देशन किया था। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता के साथ इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए और बड़ी संख्या में रोजगार देने वाले फिल्म उद्योग के लोगों के साथ होने वाली इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।