अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जया जेटली का खुलासा, कमीशन नहीं खाते हैं तो पार्टी कैसे चलाते हैं..?

शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017 (12:38 IST)
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन यह शायद कम ही लोगों को पता है कि जॉर्ज फर्नांडीस की समता पार्टी को भी एनडीए शासन के दौरान कमीशन का प्रस्ताव मिला था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। 
 
समता पार्टी की पूर्व नेता जया जेटली ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में खुलासा किया कि अगस्ता वेस्टलैंड डील के बदले बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने उन्हें पैसा कमाने का ऑफर दिया था। जॉर्ज फर्नांडीस की समता पार्टी अटल बिहारी सरकार में शामिल थी और जॉर्ज रक्षामंत्री थे, लेकिन विपक्ष के दबाव में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था। 
 
क्रिश्चियन का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब यूपी सरकार के दौरान दौरान अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील घोटाले में उसका नाम सामने आया था। रिपोर्ट के मुताबिक जया जेटली ने बताया कि उस समय उन्हें एक विदेशी व्यक्ति का फोन आया था जिसने अपना नाम क्रिश्चियन मिशेल बताया था। उसने जया से मिलने का आग्रह किया और  दिल्ली के इंडिया इंटरनेशल सेंटर में दोनों की मुलाकात भी हुई थे। ये मुलाकात मई 1999 में कारगिल युद्ध से कुछ समय पहले ही हुई थी।
 
जया ने दावा किया कि मिशेल ने न सिर्फ भारत में काम कर रहे डिफेंस डीजर्स के बारे बताया था, बल्कि मोटी रकम का भी ऑफर दिया था। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कमीशन की बात से इंकार किया तो मिशेल ने उनसे पूछा कि जब आप यह सब नहीं करते हैं तो अपनी पार्टी चलाते कैसे हैं?
 
जेटली के मुताबिक उन्होंने उस समय इस बात की जानकारी पार्टी के मुखिया और तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीस को दी तो जॉर्ज ने उनसे कहा कि तुरंत इस मामले की जानकारी पत्र के माध्यम से रक्षा सचिव को दे दें। इस पर उन्होंने अगले ही दिन रक्षा सचिव को जानकारी दे दी थी। 
 
क्यों चर्चा में आई थी अगस्ता वेस्टलैंड डील : यूपीए-1 सरकार के कार्यकाल अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था। यह सौदा 3 हजार 600 करोड़ रुपए का था। इस सौदे में 360 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी की बात भी सामने आई थी। इसके बाद यूपीए सरकार ने सौदा रद्द कर दिया था। इस मामले में एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी समेत 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। जिस बैठक में हेलीकॉप्टर की कीमत तय की गई थी, उसमें कथित तौर यूपीए सरकार के कुछ मंत्री भी मौजूद थे। इस कारण कांग्रेस पर भी सवाल उठे थे। 

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