इसमें आगे कहा गया है कि सीआईआरपी शुरू होने के बाद कंपनी के निदेशक मंडल के सभी अधिकार निलंबित हो गए हैं और अब अंतरिम निपटान पेशेवर द्वारा इनका इस्तेमाल किया जाएगा। जेट एयरवेज पर बैंकों का 8,000 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा एयरलाइन पर वेंडरों, पट्टे पर विमान देने वालों और कर्मचारियों का भी हजारों करोड़ रुपए का बकाया है। (भाषा)