Waqf Bill JPC Report : बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन संसद में वक्फ संशोधित बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश करने को लेकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने तो लोकसभा में JPC चेयरमैन और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने इस रिपोर्ट को पेश किया। इस बीच पर्सनल लॉ बोर्ड ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है कि अगर पारित हुआ तो आंदोलन करेंगे। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये वक्फ बिल मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है।
क्या कहा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को धार्मिक भेदभाव पर आधारित तथा संविधान के मूल्यों के खिलाफ करार दिया और कहा कि सरकार को "सबका साथ, सबका विकास" के अपने नारे पर अमल करते हुए इस विधेयक को वापस लेना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
रिपोर्ट में नहीं रखी गईं आपत्तियां : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC की रिपोर्ट को लेकर कहा, "हम वक्फ (संशोधन) विधेयक की मुखालफत करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ विधेयक में संशोधन न किया जाए। विपक्ष के सांसदों ने भी अपनी आपत्तियां रखी थी। लेकिन उन्होंने रिपोर्ट में नहीं रखा गया।"
जेपीसी की रिपोर्ट को रखा गया : मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने यह बयान उस वक्त दिया जब गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखा गया।
रहमानी ने कहा, "हम समझते हैं कि सरकार के पास अभी मौका है कि वह इस विधेयक को वापस लेकर सबका साथ, सबका विकास के अपने नारे पर अमल करे।" उनका कहना था, "यदि विधेयक संसद में पारित हुआ तो स्वीकार नहीं करेंगे।" उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर कई तरह का झूठ फैलाया गया है और वक्फ संविधान में निहित अधिकार के तहत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट धार्मिक भेदभाव पर आधारित है।
रहमानी ने कहा कि जितना अधिकार अन्य धर्मों के लिए हो, उतना मुस्लिम समुदाय का भी होना चाहिए। रहमानी ने आरोप लगाया कि सरकार को सच्चाई से चिढ़ है। झूठ बोलती है और झूठ फैलाती है। उन्होंने कहा कि यह कोई हिंदू मुस्लिम की लड़ाई नहीं है, अल्पसंख्यक बहुसंख्यक की लड़ाई नहीं है, यह इंसाफ की लड़ाई है।
उनका यह भी कहना था कि उम्मीद है कि मजलूमों की इस लड़ाई में सभी लोग साथ देंगे। रहमानी ने यह दावा भी किया कि एक समुदाय को नुकसान पहुंचाने और दबाव में रखने के लिए यह समान नागरिक संहिता का राग छेड़ा गया है। उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकार नहीं है। कानून के दायरे में रहकर हम किसी भी हद तक लड़ाई लड़ेंगे।
क्या बोले जेपीसी के अध्यक्ष : वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि विपक्ष ने बात उठाई, और गृह मंत्री ने खड़े होकर कहा कि हमें कोई ऐतराज नहीं है, विपक्ष की चिंताओं को रिपोर्ट में खंड दर खंड शामिल कर लिया जाए। इसके बाद विरोध किया गया। क्या यह लोकतंत्र के खिलाफ नहीं है?
रविकिशन बोले- बंद होगी गुंडई : भाजपा सांसद रवि किशन ने वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC की रिपोर्ट को लेकर कहा, "विपक्ष को अपनी राजनीति करनी है। मुस्लिम समुदाय के लिए एक बहुत अच्छा संदेशा है कि अब उनका जीवन आसान हो जाएगा... अब उनका हक उनसे कोई नहीं छीन सकता है... वक्फ के नाम पर जो गुंडई होती थी, अब वह बंद हो जाएगी।
आखिरी दिन लाया गया विधेयक : सपा की सांसद डिंपल यादव ने कहा, "जिस तरह विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए असहमति नोट को वक्फ संशोधन विधेयक में शामिल नहीं किया गया...सरकार मनमाने तरीके से यह विधेयक ला रही है। वे ध्यान भटकाने के लिए सत्र के आखिरी दिन विधेयक लेकर आए हैं।"
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC रिपोर्ट के संबंध में कहा कि बिल के संबंध में जो हमारा सुझाव था वह पूरी तरह से अनदेखा किया गया है... आज देश के सामने किसानों और रोजगार की समस्या है... इन पर से ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बिल लाया गया। इस बजट में हमारे किसानों के लिए कुछ नहीं है... इस बजट पर चर्चा न हो इसलिए यह बिल लाया गया है... हमने इस बिल का विरोध ही नहीं बल्कि बहिष्कार भी किया है।
सपा सांसद इकरा हसन ने कहा कि जिस तरीके से कमेटी की कार्रवाई हुई उसमें भेदभाव किया गया है। सभी बिंदुओं को उसमें शामिल नहीं किया गया। हम इस बिल का विरोध करते हैं। ये असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है। हम शुरू से ही इसके खिलाफ थे।
पास होगा बिल : वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जेपीसी रिपोर्ट को लेकर केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि ये बिल आने वाले समय में पास होगा। विपक्ष हल्ला कर रहा है। विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति के लिए इस तरह की बात कर रहा है। संविधान के साथ जिन्होंने छेड़छाड़ की है वे इस तरह की बात करते हैं, वो ठीक नहीं। इनपुट भाषा Edited by : Sudhir Sharma