पणजी। कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को इस दक्षिणी राज्य में किसी राजनीतिक संकट से इनकार किया और कहा कि मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है। उन्होंने पेगासस जासूसी आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और यह कहते हुए विपक्ष पर निशाना साधा कि उसके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है।
गोवा की अपनी दो दिवसीय यात्रा के आखिर में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भाजपा अगले साल के प्रारंभ में होने वाला गोवा विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में लड़ेगी लेकिन औपचारिक फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।
कर्नाटक के संदर्भ में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है। कर्नाटक अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। येदियुरप्पा अपने तरीके से चीजें संभाल रहे हैं। जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इस दक्षिणी राज्य में कोई राजनीतिक संकट तो नहीं है तो उन्होंने कहा कि यह आप महसूस करते हैं, हम ऐसा महसूस नहीं करते।
नड्डा का बयान इस मायने से अहम है कि कुछ ही घंटे पहले पद पर बने रहे के संदर्भ में कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने कहा था कि आज शाम तक उन्हें भाजपा आलाकमान से निर्देश मिल जाएगा और फिर वे उपयुक्त निर्णय लेंगे। बेलगावी में जब येदियुरप्पा से सवाल किया गया था कि क्या दिल्ली से आलाकमान का निर्देश आज आने की उम्मीद है तो उन्होंने कहा कि शाम तक आ जाएगा तो आपको भी उसके बारे में पता चल जाएगा, निर्देश आ जाए, फिर मैं उपयुक्त निर्णय लूंगा।
पेगासस जासूसी विवाद पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह बेबुनियाद है.. यह कोई मुद्दा ही नहीं है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के पास कोई मुद्दा ही नहीं है जिसे वे लोगों की खातिर उठा सकें। इसलिए वे इस प्रकार का मुद्दा उठाते हैं।
पिछले रविवार को एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया गठबंधन ने खबर दी थी कि 300 से अधिक असत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबरों को इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस स्पाईवेयर के मार्फत हैकिंग के लिए निशाना बनाया गया, इन नंबरों में दो मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी दलों एवं बहुत सारे उद्योगपतियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के नंबर शामिल हैं। हालांकि, सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों से इनकार कर रही है।
संसद की कार्यवाही बार-बार बाधित किए जाने के बारे में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए नड्डा ने कहा कि हम सभी प्रकार की चर्चाओं के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ कांग्रेस निराश एवं मुद्दाविहीन हो गई है, इसलिए वह बाधित करने की ऐसी तरकीब अपनाती है ... उसे मालूम ही नहीं है कि क्या किया जाए। वे बस मुद्दाविहीन चीजों को लेकर संसद का कामकाज रोकना चाहती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन लोग जानते हैं कि उनके सभी प्रयासों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संसद की उत्पादकता ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लोकसभा और राज्यसभा में कामकाज ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में नड्डा ने कहा कि दिल्ली से गोवा तक तक कांग्रेस पतवारविहीन नौका है और उसके नाविक को पता ही नहीं कि नौका किधर ले जाना है.... उन्हें मालूम नहीं कि हवाएं कहां चल रही हैं। गोवा चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि वह राज्य में प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार एवं सत्तारूढ़ भाजपा के प्रदर्शन से बहुत खुश हैं।
भाजपा अध्यक्ष से जब पूछा गया कि क्या पार्टी अगले साल के चुनाव के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर कोई नया चेहरा पेश करेगी तो उन्होंने कहा कि हम उनके (सावंत के) नेतृत्व में बढ़ रहे हैं। किसी अन्य चीज की ओर देखने की संभावना नहीं है.. लेकिन पार्टी में एक व्यवस्था है कि ऐसी घोषणाएं संसदीय बोर्ड द्वारा की जाती हैं।
वीरशैव लिंगायत साधुओं ने पारित किया प्रस्ताव : कर्नाटक के विभिन्न क्षेत्रों के 500 से अधिक वीरशैव लिंगायत साधुओं ने रविवार को मांग की कि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पद पर बने रहने देना चाहिए। बालेहोसूर मठ के महंत दिंगलेश्वर स्वामी, तिप्तुर के रुद्रमुनि स्वामी और चित्रदुर्ग के बसवकुमार स्वामी के आह्वान पर संतों ने पैलेस ग्राउंड पर एक सभा का आयोजन किया और येदियुरप्पा के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया।
मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का संकेत देते हुए येदियुरप्पा ने 22 जुलाई को कहा था कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से उन्हें रविवार शाम तक निर्देश दिया जाएगा जिसका वह पालन करेंगे। सभा में दिंगलेश्वर स्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री को हटाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा को हटाना उचित नहीं है। हमने मुख्यमंत्री के मनोबल को बढ़ाने के लिए यहां सभा का आयोजन किया है। हम न तो किसी के पक्ष में हैं न विरोध में। हमारा लक्ष्य यह देखना है कि अच्छा काम करने वाले मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने की अनुमति मिलनी चाहिए।
सभा में शामिल होने वाले एक साधु ने कहा कि नेता प्रशासन में सुधार लाते हैं जबकि संत समाज और लोगों में सुधार लाते हैं। उन्होंने कहा कि जब कोई नेता अच्छा काम करता है तो उसे हटाना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने का दायित्व संत समाज का है।