'केंद्र सरकार ने केरल में हथिनी की हत्या को बहुत ही गंभीरता से लिया है। हम मामले की गहराई से जांच और दोषियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह भारतीय संस्कृति नहीं है कि पटाखों को खिलाया जाए और जान ली जाए।'
केरल में हथिनी की हत्या को लेकर पूरे देश में बवाल है। सोशल मीडिया पर इस कुकृत्य की आलोचना हो रही है। हर कोई हथिनी के हत्यारों की सजा की मांग कर रहा है। इसी बीच केंद्र सरकार भी मामले को लेकर सख्त हो गया है। केंद्रीय वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बयान आया है कि दोषियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
प्रकाश जावडेकर ने आगे कहा, यह भारतीय संस्कृति नहीं है कि जानवरों को पटाखा खिलाया जाए और उनकी हत्या की जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल केरल के मलप्पुरम जिले में 27 मई को एक गर्भवती भूखी हथिनी भोजन की तलाश में जंगल के बाहर आ गई थी। वह गांव में भटक गई। कुछ स्थानीय लोगों ने उसके साथ शरारत की और उसे अनानास में पटाखे भरकर खिला दिए। भूख से बेहाल हथिनी ने वह अनानास खा लिया और कुछ ही देर में उसके पेट के अंदर पटाखे फटने लगे। इससे उसके मुंह और जीभ में जख्म हो गया। करीब तीन दिनों तक हथिनी अपने दर्द से राहत पाने के लिए मुंह को पानी में डूबाकर खड़ी रही। इसके बाद में उसने दम तोड़ दिया। इस अमानवीय घटना पर सोशल मीडिया पर लोग जबरदस्त आक्रोश जाहिर कर रहे हैं।
वन अधिकारी मोहन कृष्णन ने पूरे वाकये को फेसबुक पर लिखा था जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा झलकने लगा। कृष्णन ने लिखा,
'उसने सभी पर भरोसा किया। जब वह अनानास खा गई और कुछ देर बाद उसके पेट में यह फट गया तो वह परेशान हो गई। हथिनी अपने लिए नहीं बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे के लिए परेशान हुई होगी, जिसे वह अगले 18 से 20 महीने में जन्म देने वाली थी।'