गले में रुद्राक्ष, नंगे पैर, सौम्य मुस्कान, जानिए कौन हैं पद्मश्री सम्मानित आचार्य जोनस मसेट्टी
who is Acharya Jonas Majetti: गले में रुद्राक्ष की माला, चेहरे पर सौम्य मुस्कान और सूती परिधान में एक शख्स पद्म सम्मान के दौरान नंगे पांव राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर बढ़ता है, तभी सबकी निगाह उन पर आकर टिक जाती हैं। वे सभी को हाथ जोड़कर अभिवादन करते हैं, फिर राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान स्वीकार करते हैं। ये हैं ब्राजील के आचार्य जोनस मजेट्टी, जो भारत की वैदिक संस्कृति के साथ ही भगवत गीता का प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में उनकी तारीफ कर चुके हैं।
आचार्य मजेट्टी को अध्यात्म के क्षेत्र में काम करने के लिए भारत सरकार के प्रतिष्ठित पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर मजेट्टी भारतीय अध्यात्म और दर्शन से इतने प्रभावित हैं कि विश्व में वेदांत और भगवत गीता के ज्ञान का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। मजेट्टी का जन्म ब्राजील में हुआ था। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग पूरी की और स्टॉक मार्केट में काम किया। हालांकि, जीवनशैली से संतुष्ट न होने के कारण उन्होंने आध्यात्मिकता की ओर रुख किया। भारत आकर उन्होंने वेदांत और योग की शिक्षा ली और आचार्य दयानंद सरस्वती के आश्रम में वेदांत की शिक्षा प्राप्त की।