क्‍या चार्जिंग स्‍टेशनों की कमी ने थामी इलेक्‍ट्रिक वाहनों की रफ्तार?

भारत में इन दिनों इलेक्‍ट्रिक वाहनों की खूब चर्चा है। पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों ने इलेक्‍ट्रिक वाहनों के बाजार को और ज्‍यादा गर्म कर दिया है, ऐसे में बड़ी तादात में लोग इलेक्‍ट्रिक वाहनों की खरीदी कर रहे हैं, जिन्‍होंने नहीं खरीदी वे भी इन वाहनों के इस्‍तेमाल के लिए तैयार हैं।

कुल मिलाकर आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का ही है। दुनिया के कई देश इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की तरफ आगे बढ़ चुके हैं। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। यहां तक कि केंद्र सरकार से लेकर कई राज्‍यों की सरकारें भी इलेक्‍ट्रिक वाहनों की खरीदी के लिए बढ़ावा दे रही हैं। दरअसल, इस तकनीक के वाहनों को खासतौर से ईको फ्रेंडली माना जा रहा है।

अब यह स्‍थिति है कि देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां इलेक्‍ट्रिक वाहनों के प्रोडक्‍शन में उतर रही हैं। लेकिन ऐसे वाहनों के मामले में फिलहाल जो सबसे बड़ी समस्‍या सामने आ रही है, वो इनके चार्जिंग स्‍टेशन या प्‍वॉइंट को लेकर है। इलेक्‍ट्रिक वाहनों को खरीदने से पहले लोगों को इसके चार्जिंग स्‍टेशन के बारे में सोचना पड़ रहा है।

22 हजार स्टेशन की थी योजना
पिछले साल पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि देश की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी HPCL, BPCL और IOC देश में 22 हजार Electric Vehicle चार्जिंग स्टेशन लगाएंगी। उन्होंने बताया था कि BPCL देश में 7000 EV चार्जिंग स्टेशन लगाएगी। वहीं, HPCL 5000 और IOC कुल 10,000 EV चार्जिंग स्टेशन लगाएगी। हालांकि इनमें से बहुत सी योजनाएं अभी साकार नहीं हो सकी हैं। ऐसे में फिलहाल चार्जिंग स्टेशन का पर्याप्त संख्या में नहीं होना सबसे बड़ी मुसीबत बना हुआ है।

हालांकि बैटरी स्वैपिंग को एक विकल्‍प के तौर पर देखा जा रहा है। इसके लिए भारत में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी पर भी लंबे समय से काम हो रहा है। लेकिन तब तक चार्जिंग स्‍टेशन एक मुद्दा बना ही रहेगा।

क्‍या है बैटरी स्वैपिंग है?
बैटरी स्वैपिंग में चार्जिंग स्टेशन से चार्ज की गई बैटरी को इलेक्ट्रिक वाहन की डिस्चार्ज हो चुकी बैटरी से बदला जा सकता है। बैटरी स्वैपिंग का उपयोग छोटे वाहनों जैसे कि दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए किया जाता है। इसकी वजह यह है कि इन वाहनों में छोटी बैटरी होती है, जिन्हें फोर व्हीलर में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों के मुकाबले बदलना आसान होता है।

दिल्‍ली में कहां कहां है चार्जिंग स्‍टेशन?
दिल्‍ली की बात करें तो दिल्ली-एनसीआर में कई जगह चार्जिंग स्टेशन हैं, जहां कार को चार्ज कर सकते हैं। इनमें नोएडा सेक्टर 5, ग्रेटर नोएडा, परी चौक, दिल्ली में द्वारका, दिलशाद गार्डन और हरियाणा के गुरुग्राम जैसी जगहें शामिल हैं। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी कई चार्जिंग स्टेशन हैं।

कौन-कौन ला रहा चार्जिंग स्‍टेशन?
टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए मेट्रो रेल प्राधिकरण और नगर निगमों के साथ बातचीत कर रही है। इसके अलावा वह इंडियन होटल, टाइटन वाच शोरूम, वेस्टसाइड और क्रोमा जैसी टाटा समूह की दुकानों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगी। लेकिन यह तब की बात है जब यह सारी योजनाएं साकार हो जाएगी। तब तक को चार्जिंग की समस्‍या से जूझना ही है।

तीन तरह के होते हैं स्टेशन?
इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 3 तरह के स्टेशन होते हैं।
एसी 001 स्लो चार्जर रहेगा जो पांच किलोवाट की क्षमता के साथ आएगा और एक बार में तीन वाहनों को चार्ज कर सकता है।
डीसी 001 स्लो/फास्ट चार्जर है जो 15 किलोवाट क्षमता के साथ आएगा और एक बार में एक वाहन को चार्ज कर सकेगा।
122 किलोवाट की क्षमता वाला चाडेमो चार्जर जो एक बार में 3 वाहनों की चार्जिंग करता है।

इंदौर में क्‍या स्‍थिति है?
इंदौर में इलेक्‍ट्रिक वाहनों के लिए 120 चार्जिंग स्‍टेशन बनाने की योजना है, इनमें से एआईसीटीएसएल के 5 स्टेशन लगभग बनकर तैयार हैं। ये पांच स्‍टेशन पालिका प्‍लाजा, पटेल नगर, इल्‍वा स्‍कूल के पास हैं। जबकि 115 स्टेशन अगले छह महीनों में बनाने की बात की जा रही है। इसके बाद राजवाड़ा, सियागंज, जवाहर मार्ग, जूनी इंदौर, हाथीपाला, गाड़ी अड्डा, लोहा मंडी आदि मुख्य बाजारों में स्‍टेशन स्‍थापित किए जाएंगे। दरअसल, पिछले बजट में मप्र सरकार ने प्रदेशभर में 217 ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने को मंजूरी दी थी। इनमें से सबसे ज्यादा इंदौर में बनाए जाने हैं। अलग-अलग एजेंसियों को यह स्‍टेशन बनाने का काम सौंपा गया है।

चार्जिंग स्‍टेशन
22 हजार स्‍टेशन बनेंगे देशभर में
115 ईवी चार्जिंग स्टेशन इंदौर में बनेंगे
5 ईवी चार्जिंग स्टेशन बनकर तैयार
37 चार्जिंग स्‍टेशन पर काम चल रहा
76 स्टेशन पीपीपी मोड में बनेंगे
37 स्टेशन आरईआईएल से समझौते के तहत बनेंगे
3 तरह के होते हैं चार्जिंग स्टेशन

चारपहियां के लिए सेटअप लगता है
जबसे अच्‍छी कंपनियां ई व्‍हीकल बनाने लगी है तब से लोगों में दिलचस्‍पी जागी है। जहां तक चार्जिंग की बात है तो टू व्‍हीलर तो घर पर ही बहुत नॉर्मल सॉकेट में चार्ज हो जाते हैं, जबकि चारपहियां वाहनों के लिए अलग से चार्जिंग सेटअप होता है।
विशाल जैन, ई व्‍हीकल विक्रेता, इंदौर

हम स्‍टेशन तैयार कर रहे हैं
अभी पूरे शहर में अलग अलग जगहों पर करीब 37 चार्जिंग स्‍टेशन पर काम चल रहा है, शेष 76 और बनाए जाएंगे, जिन्‍हें लेकर योजना तैयार की जा रही है। हम अपनी तरफ से सारे चार्जिंग स्‍टेशन जल्‍दी से जल्‍दी बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
माला सिंह, पीआरओ, एआईसीटीएसएल, इंदौर

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी