लालू की रैली में भाजपा पर हमला, राहुल, सोनिया नहीं हुए शामिल

रविवार, 27 अगस्त 2017 (13:18 IST)
पटना। पटना के गांधी मैदान में रविवार को आयोजित राजद की रैली में कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए और अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से हटाने का आह्वान किया लेकिन इसकी चमक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी और बसपा प्रमुख मायावती जैसे नेताओं की अनुपस्थिति के करण फीकी रही।
 
 
रैली में उपस्थित दिग्गज नेताओं में जदयू के बागी नेता शरद यादव, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल थे।
 
गांधी मैदान में प्रभावशाली भीड़ से उत्साहित राजद प्रमुख लालू प्रसाद और अन्य नेताओं ने दावा किया कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की सत्ता से बेदखल होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। रैली में राकांपा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, द्रमुक, केरल कांग्रेस, रालोद, भाकपा, झामुमो, झाविमो, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जदएस, असम के एआईयूडीएफ, आरएसपी और भाकपा माले जैसे अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। रैली में ममता बनर्जी की उपस्थिति के कारण माकपा का कोई भी नेता इसमें शामिल नहीं हुआ। ममता की तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल की राजनीति में माकपा की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी है।
 
रैली में भाजपा के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों के नेताओं की आलोचना के केंद्र में थे। कुमार ने लालू और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर महागठबंधन का साथ छोड़ दिया था और बाद में भाजपा के साथ मिलकर बिहार में नई सरकार बना ली थी।
 
बागी जद (यू) नेता शरद यादव ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए रैली में हिस्सा लिया और बिहार में महागठबंधन टूटने के बारे में अपनी बात रखी। यादव ने कहा कि वह अब देश के 125 करोड़ नागरिकों का गठबंधन बनाने के लिए काम करेंगे। यादव का परोक्ष रूप से इशारा भाजपा नीत राजग के खिलाफ विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के प्रयास की ओर था।
 
रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी का पहले से रिकार्ड किया हुआ भाषण चलाया गया, वहीं जद (एस) के दानिश अली ने अपनी पार्टी के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा का संदेश पढ़ा।
 
लालू प्रसाद, ममता बनर्जी, गुलाम नबी आजाद, शरद यादव, अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रहार किया और सवाल किया कि उनके शासन के तीन साल गुजर जाने के बावजूद ‘अच्छे दिन’ का क्या हुआ। उन्होंने किसानों, मजदूरों और युवाओं की ‘‘खराब स्थिति’’ के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
 
लगभग सभी वक्ताओं ने देश में भाजपा की जीत के 'रथ' को रोकने के लिए 2015 में बिहार में महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) की बड़ी जीत को याद किया और ‘‘भाजपा के साथ मिलकर जनादेश को धोखा देने’’ के लिए नीतीश कुमार के प्रति आक्रोश व्यक्त किया। ममता ने नोटबंदी की कड़ी निंदा की और कहा कि इससे अगले चुनाव में भाजपा का पतन होगा।
 
उन्होंने कहा कि जैसे नसबंदी से इंदिरा गांधी का पतन हुआ था, नोटबंदी से भाजपा का पतन होगा। उन्होंने केंद्र की राजग सरकार पर गैर भाजपा शासित राज्यों के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब भी (भाजपा शासित) हरियाणा या राजस्थान में कोई दिक्कत होती है, वे सेना भेज देते हैं लेकिन ऐसा जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल के मामले में नहीं किया जाता है। 
 
ममता ने इसके साथ ही केंद्र पर केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं के खिलाफ ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं एक संघर्ष करने वाली हूं और मैं ऐसे हथकंडों से घबराने वाली नहीं हूं।’’ लालू ने मुख्य रूप से नीतीश कुमार पर जोर दिया और उन्हें ‘पलटूराम’ करार दिया। उन्होंने कहा कि संभवत: यह उनकी आखिरी ‘पलटी’ है क्योंकि अब कोई भी पार्टी उन पर विश्वास नहीं करेगी। 
 
 
तेज ने खुद को बताया कृष्ण और तेजस्वी को बताया अर्जुन : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की आज की रैली में पार्टी सुप्रिमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव अलग अंदाज में दिखे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने की लड़ाई का शंखनाद करते हुए खुद को 'कृष्ण' तथा छोटे भाई पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 'अर्जुन' बताया।
 
तेजप्रताप यादव अपने पिता लालूप्रसाद यादव के अंदाज में रैली को संबोधित किया। उन्होंने भाजपा को सत्ता से हटाने की लड़ाई का शंखनाद करने से पूर्व कहा कि 'हम अहीर हैं न और अहीर का पगड़ी है उ बांधना न पड़ेगा, तबे न बजेगा शंख।' उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई नेता शंख बजा सकता है, नहीं बजा सकता, क्योंकि उसका हार्ट अटैक हो जाएगा। हम शंख और बांसुरी दोनों बजा लेंगे। नीतीशजी बांसुरी बजा लेंगे क्या।
 
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं शंख बजाकर महाभारत के कुरुक्षेत्र की तरह शंखनाद करता हूं। जब तक भाजपा को उखाड़ नहीं फेकेंगे, तब तक हम चैन की सांस नहीं लेंगे। उसके बाद यादव ने शंख बजाया और कहा कि यह हुआ असली शंखनाद, अब लड़ाई शुरू होगी। इसी दौरान उन्होंने कहा कि तेजस्वी हमारा अर्जुन रूपी भाई है और हम उसके कृष्ण हैं। लोगों ने यादव की बात पर खूब तालियां बजाई।

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