नई दिल्ली। नासा और एनओएए के विशेषज्ञों सहित वैज्ञानिकों के स्वतंत्र विश्लेषण में दावा किया गया है कि पिछला महीना 174 साल पहले के रिकॉर्ड के अनुसार सबसे गर्म जून का महीना था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) ने यह भी पाया कि जाहिर तौर पर यह बात (99 प्रतिशत से अधिक) तय है कि 2023 रिकॉर्ड में 10 सबसे गर्म सालों में दर्ज किया जाएगा और 97 प्रतिशत संभावना है कि यह 5 सबसे गर्म वर्षों में दर्ज किया जाए।
एनओएए ने कहा कि इस समय तापमान इतना अधिक होने का एक कारण अल नीनो जलवायु पैटर्न है। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा के अनुसार इस साल जून वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म था, जो 1991-2020 के औसत से 0.5 डिग्री सेल्सियस अधिक था।(भाषा)