प्रयागराज। अयोध्या में 2005 में हुए आतंकी हमले के मामले में विशेष न्यायाधीश दिनेश चंद्र ने चार दोषियों को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा साक्ष्य के अभाव में एक आरोपी मोहम्मद अजीज को दोषमुक्त करार दिया।
यह फैसला नैनी सेंट्रल जेल में सुनाया गया। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि डॉक्टर इरफान, शकील अहमद, आसिफ इकबाल और मोहम्मद नसीम को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने आरोपियों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
अग्रहरि ने बताया कि पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या में हुए आतंकी हमले में नसीम ने पाकिस्तानी आतंकवादी कारी के कहने पर मोबाइल का सिम लिया था और अजीज ने सिम लेने के लिए दस्तावेजों का सत्यापन किया था। जिस वाहन (संख्या जेके 12-0267) से हमले के लिए हथियार लाए गए मोहम्मद शकील उसका मालिक था। इसके लिए 2,20,000 रुपए में कारी ने सौदा तय कराया था।
अग्रहरि ने बताया कि शकील को यह रकम दे दी गई थी, लेकिन उसे यह कहा गया था कि गाड़ी आपके नाम पर ही रहेगी। इसी वाहन से 5 जून, 2005 को हथियार अलीगढ़ लाए गए थे। अलीगढ़ में हथियार रखने के बाद 7 जून, 2005 को वाहन जम्मू भेजा गया था।
आतंकी हमले में आसिफ इकबाल की भूमिका के बारे में उन्होंने बताया कि वह मुख्य आरोपी था। आतंकी कारी ने नसीम द्वारा खरीदा गया सिम आसिफ इकबाल को दिया था।
अग्रहरि ने बताया कि अयोध्या आतंकी हमले में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों में से एक की पहचान अरशद के रूप में हुई है। अभी तक इस मामले में 371 तारीखें लगीं और 63 लोगों की गवाही हुई।
उल्लेखनीय है कि पांच जुलाई, 2005 को अयोध्या में हुए आतंकी हमले में दो स्थानीय लोग मारे गए थे और सीआरपीएफ के सात जवान घायल हुए थे। वहीं कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के पांच सदस्यों को घटनास्थल पर ही मार गिराया गया था।
जांच के दौरान पुलिस ने इन पांच आरोपियों को साजिश रचने, आतंकियों की मदद करने के लिए गिरफ्तार किया था। इनमें डॉक्टर इरफान सहारनपुर का रहने वाला है, जबकि आसिफ इकबाल, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद अजीज और शकील अहमद जम्मू के पुंछ जिले के रहने वाले हैं। (भाषा)