श्रीनगर। एलओसी पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एक और बैट हमले को नाकाम बनाया है। पाक सेना के दो कमांडो को मार गिराया गया है। बाकी भाग निकलने में कामयाब रहे हैं। एक पाकिस्तानी की लाश बरामद कर ली गई है। दूसरे का शव गोलाबारी के कारण अभी उठाया नहीं जा सकता था। इस बीच बैट हमले के बाद एलओसी के इलाकों में मुर्दा शांति के बीच सेना ने सीमावर्ती लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने पर अप्रत्यक्ष रोक लगा दी थी।
भारतीय सेना ने रविवार देर रात पाकिस्तान की ओर से बैट (पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम) हमले को विफल किया है। इस हमले में एक पाकिस्तानी की लाश बरामद हुई है। ये हमला पुंछ के खारी इलाके में हुआ था। हालांकि, अभी ये पता नहीं चल पाया है कि जिस पाकिस्तानी की लाश बरामद हुई है, वह पाकिस्तानी स्पेशल सर्विस ग्रुप का सदस्य है या फिर आतंकवादी। हालांकि वह आर्मी की वर्दी में ही था। जिस जगह ये गोलीबारी हुई है, वहां पर हथियारों का बड़ा जखीरा मिला है।
बताया जा रहा है कि आतंकी पाक की ओर से घुसपैठ करने की फिराक में थे। इसी बीच सीमा पर तैनात जवानों ने उनकी हरकत को भांप लिया और दो को मार गिराया। इसी बीच पुंछ जिले के खड़ी करमाड़ा सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में भारतीय सेना के चार जवान जख्मी हो गए। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पाक ने अपनी अग्रिम चौकियों बकरी एक, बकरी दो, बकरी तीन और कंगन से भारतीय सेना की 15 मराठा लाइट इन्फ्रेंट्री की अग्रिम चौकियों चीता, सुसर, नेवला आदि को निशाना बनाकर यूनिवर्सल मशीनगनों से गोलीबारी शुरू की। इसमें शिवाजी भोंसले, आशीषसिंह, अभिषेक सभी महाराष्ट्र निवासी जवान घायल हो गए। चौथे जवान का नाम पता नहीं चल पाया था।
भारतीय सेना ने गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है। पाक की सेना ने भारतीय सेना की चौकियों के साथ ही करमाड़ा, खड़ी और पोलस गांव को भी निशाना बनाया और मोर्टार दागे। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया। करीब एक घंटे गोलाबारी हुई। गौरतलब है कि पुंछ जिले में इस वर्ष पाकिस्तान की सेना ने सबसे अधिक बार करमाड़ा सेक्टर में युद्धविराम के उल्लंघन की घटनाओं को अंजाम दिया है। दूसरी ओर बैट हमलों के बाद एलओसी के इलाकों में मुर्दा शांति का माहौल है।
नतीजतन सीमावासियों को घरों के बाहर टहलने पर पाबंदी लगा दी गई है। अगर सूत्रों की मानें तो उस कश्मीर की तरफ से किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। सूत्रों की मानें तो सेना ने केरन सेक्टर के अग्रिम इलाके में स्थित दो अग्रिम चौकियों बलवीर व काचिल के कार्याधिकार क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है। सैन्य अधिकारियों को किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
जिला उपायुक्त कुपवाड़ा खालिद जहांगीर ने संपर्क किए जाने पर केरन के अग्रिम इलाकों में नागरिकों की आवाजाही पर किसी तरह की रोक से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि केरन में वाहनों की आवाजाही हिमस्खलन के खतरे के कारण रोकी गई थी। सैन्य अधिकारियों ने भी लोगों की आवाजाही पर रोक से इंकार करते हुए कहा कि सब कुछ सामान्य है। अगर लोग घरों में ही हैं तो यह हिमस्खलन और बर्फीले तूफान की चेतावनी के चलते ही होगा।