महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उठापटक और अटकलों का बाजार अपने चरम पर पहुंच गया है। शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार बनाने में चूकने वाली भाजपा क्या अब एनसीपी के साथ सरकार बनाने की तैयारी में है। यह एक ऐसा सवाल हैं जिसकी चर्चा इस वक्त राजनीतिक गलियारों में सबसे तेजी से हो रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से मुलाकात करने के बाद यह चर्चा जोर पकड़ ली है कि क्या दोनों पार्टियों के बीच कोई सियासी खिचड़ी पक रही है।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में किंगमेकर माने जाने वाले शरद पवार ने ऐसे समय पीएम मोदी से मुलाकात की है जब वह सार्वजनिक तौर पर शिवसेना के साथ सरकार बनाने पर कुछ भी बोलने से बच रहे है। पीएम मोदी और शरद पवार की इस मुलाकात को कहने को तो महाराष्ट्र में किसानों के मुद्दें पर मुलाकात बताया गया लेकिन इस मुलाकात के कई सियासी मायने तलाशे जा रहे है। संसद भवन में दोनों नेताओं की बीच हुई करीब 45 मिनट चली इस मुलाकात के बाद क्या महाराष्ट्र की सियासत में कोई नया समीकरण बन सकता है इसको लेकर भी अटकलों का बाजार गरम हो गया है। शरद पवार और भाजपा नेताओं के पिछले कई दिनों से संपर्क में होने की खबरें सामने आ रही है, मंगलवार को दिल्ली में संसद सत्र के दौरान शरद पवार भाजपा सांसदों से भी मिले थे।
इससे पहले राज्यसभा के 250 वें सत्र को संबोधित करते हुए जब पीएम मोदी ने जब एनसीपी की तारीफ की थी तो उसके बाद से ही यह चर्चा जोर शोर से शुरु हो गई थी कि क्या महाराष्ट्र में सरकार बनाने में एनसीपी और भाजपा एक साथ आ सकती है। वहीं अब एक दिन के अंतराल पर उनकी शरद पवार से मुलाकात के बाद इस बात की चर्चा भी गरम हो गई है कि महाराष्ट्र में राजनीति में अब क्या पीएम मोदी की एंट्री से भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी। कहते हैं कि राजनीति में न तो कोई स्थाई दुश्मन होता है न कोई स्थाई दोस्त और राजनीतिक विरोधी भी जब एक दूसरे की तारीफ करने के साथ ही उनसे मिलने लगे तो यह मान लेना चाहिए कि आने वाले समय को सियासीस उठापटक देखने को मिल सकती है।
शिवसेना के साथ गठबंधन पर फंसा पेंच – महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन की सरकार बनाने पर अब शरद पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले है। पिछले दो दिनों में शरद पवार ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ सरकार बनाने में पर जिस तरह गोलमोज जवाब दिया है उससे एक बार फिर सियासत गर्म हो गई है। महाराष्ट्र में भाजपा के सरकार बनाने के इंकार करने के बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना बीच मंथन का दौर तो जारी है लेकिन अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया है।
महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन पर जारी चर्चा के बीत शिवसेना नेता संजय राउस ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग से पीछे नहीं हटने की बात दोहराई है। संजय राउत ने वीर सावरकर के बारे में ऐसे समय बयान दिया है जब इस बात की चर्चा तेजी से है कि कांग्रेस विचारधारा के मुद्दें पर शिवसेना के साथ कोई भी समझौता करने से बच रही है।