खरगे का अमित शाह को जवाबी पत्र, सरकार की कथनी और करनी में फर्क
बुधवार, 26 जुलाई 2023 (15:30 IST)
Mallikarjun Kharge letter to amit shah : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे जवाबी पत्र में सरकार की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विपक्षी दलों की तुलना अंग्रेजों एवं आतंकवादी संगठन से करते हैं और दूसरी तरफ शाह विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा रखते हैं।
शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र लिखकर कहा था कि वे मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा में अमूल्य सहयोग दें।
खरगे ने गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मुझे आपका 25 जुलाई को लिखा पत्र प्राप्त हुआ जो तथ्यों के विपरीत है। आपको ध्यान होगा कि मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दलों की लगातार मांग रही है कि प्रधानमंत्री सदन में पहले अपना बयान दें जिसके बाद दोनों सदनों में इस विषय पर एक विस्तृत बहस और चर्चा की जाए।
Today, I wrote to the opposition leaders of both houses, Shri @adhirrcinc Ji of Lok Sabha, and Shri @kharge Ji of Rajya Sabha, appealing to them for their invaluable cooperation in the discussion of the Manipur issue.
उन्होंने दावा किया कि आपके पत्र में व्यक्त भावनाओं की कथनी और करनी में ज़मीन – आसमान का अंतर है। सरकार का रवैया आपके पत्र के भाव के विपरीत सदन में असंवेदनशील और मनमाना रहा है। यह रवैया नया नहीं है बल्कि पिछले कई सत्रों में भी विपक्ष को देखने को मिला है। नियमों और परिपाटी को ताक पर रख कर विपक्ष को एक चाबुक से हांका जा रहा है।
खरगे ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के निलंबन का हवाला देते हुए कहा कि छोटी घटनाओं को तिल का ताड़ बनाकर माननीय सदस्य को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि रोज नियम 267 के तहत विपक्षी सांसदों द्वारा बहस के लिए नोटिस दिया जाता है परंतु सत्तापक्ष में बैठे लोग ही सदन की कार्रवाई को बाधित करते हैं। विपक्ष के नेता जब सभापति की अनुमति के बाद बोलने के लिए खड़े होते हैं तो स्वयं सदन के नेता बिना निवेदन और आसन की अनुमति के बिना बोलने के लिए खड़े होते हैं और कार्यवाही में बाधा डालते हैं।
विपक्षी गठबंधन पर पीएम मोदी की टिप्पणी का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि एक ही दिन प्रधानमंत्री देश के विपक्षी दलों को अंग्रेज शासकों और आतंकवादी समूह से जोड़ते हैं। वहीं गृहमंत्री भावनात्मक पत्र लिखकर विपक्ष से सकारात्मक रवैये की अपेक्षा करते हैं।
खरगे ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है। प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं परंतु ऐसा लगता है कि इससे उनके सम्मान को ठेस पहुंचती है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर कीमत देंगे।