केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में दिल्ली की एक अदालत में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और 3 अन्य के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने आरोप पत्र पर विचार करने के लिए 12 मई की तारीख तय की।
सीबीआई ने दलील दी थी कि सिसोदिया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी सक्षम अधिकारियों से प्राप्त कर ली गई है। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और 58वें दिन आरोप पत्र दाखिल कर दिया, जिससे उन्हें स्वत: जमानत मिलने की संभावना नहीं रहेगी। भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसी को आरोपी की गिरफ्तारी के 60 दिन के अंदर उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करना होता है अन्यथा व्यक्ति स्वाभाविक जमानत का हकदार हो जाता है।
एजेंसी ने आरोप पत्र में हैदराबाद निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट बच्ची बाबू गोरांतला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल और एक अन्य व्यक्ति अर्जुन पांडेय के भी नाम हैं। चारों आरोपियों में से सिसोदिया और ढल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। बच्ची बाबू को मामले में 6 मार्च को जमानत दे दी गई थी, वहीं पांडेय को मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) लगाई और आईपीसी की नई धाराएं 201 (साक्ष्यों को नष्ट करना) और 420 (धोखाधड़ी) जोड़ीं, जो प्राथमिकी में नहीं थीं।
सीबीआई की अभी तक की गई जांच से सामने आया है कि सिसोदिया आबकारी नीति बनाने में मंत्रिसमूह (जीओएम) की अगुवाई कर रहे थे और वे दक्षिण भारत के समूह के प्रभाव में आबकारी नीति को बनाने तथा लागू करने में हेरफेर करने की साजिश के मुख्य रचनाकार थे।
नीति बनाने और लागू करने में भ्रष्टाचार तथा अनियमितताओं के आरोपों को आम आदमी पार्टी (आप) तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया था। यहां विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल आरोप पत्र में एजेंसी ने कहा कि व्यापक साजिश का पता लगाने और मामले में अन्य आरोपियों की भूमिका का पता लगाने के लिए जांच को जारी रखा गया है।
सीबीआई ने आरोप पत्र के कॉलम 12 में पूर्व आबकारी आयुक्त ए. गोपी कृष्ण के नाम का भी उल्लेख किया और कहा कि वे संदिग्ध हैं, लेकिन उन पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सीबीआई ने पिछला आरोप पत्र 25 नवंबर, 2022 को दायर किया था।(भाषा)