नई दिल्ली। देश में कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले चावल को अब पोषणयुक्त बनाकर लोगों को दिया जाएगा। मार्च 2024 तक चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में यह योजना लागू कर दी जाएगी।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक देश में हर दूसरी महिला खून की कमी की शिकार है। देश का हर तीसरा बच्चा अविकसित या छोटे कद का है। भारत का हर चौथा बच्चा कुपोषण का शिकार है। देश का हर 5वां बच्चा कमजोर है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में दक्षिण एशियाई देशों में भारत का स्थान 94वां है, जो केवल अफगानिस्तान से ही ऊपर है।