देशभर में 1000 से ज्यादा Corona केस, ICMR ने कहा- डरने की बात नहीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 27 मई 2025 (00:00 IST)
More than 1000 cases of corona in India: देश के कुछ हिस्सों में कोविड के मामले बढ़ने के बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने सोमवार को कहा कि संक्रमण को लेकर गंभीरता की स्थिति अभी तक आमतौर पर हल्की है और चिंता की कोई बात नहीं है। दूसरी ओर, देशभर में 1000 से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जो उपचाराधीन हैं। केरल में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। 
 
कोविड के नए स्वरूपों का पता लगाए जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पश्चिम और दक्षिण में नमूनों के जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि कोविड विषाणु के नए स्वरूप (वेरिएंट) गंभीर नहीं हैं और वे ओमीक्रॉन के उप-स्वरूप हैं। इनमें एलएफ.7, एक्सएफजी, जेएन.1 और एनबी. 1.8.1 हैं। डॉ. बहल ने कहा कि पहले तीन उप-स्वरूप अधिक प्रचलित हैं। उन्होंने कहा कि  अन्य स्थानों से नमूनों का अनुक्रमण किया जा रहा है और हमें एक या दो दिन में पता चल जाएगा कि क्या और भी स्वरूप हैं।
 
कोरोना के मामलों में आया उछाल : आईसीएमआर महानिदेशक ने कहा कि कोरोना वायरस के मामलों में उछाल आया है और पहले दक्षिण से, फिर पश्चिम से और अब उत्तर भारत से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की निगरानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, आईसीएमआर का राष्ट्रव्यापी श्वसन वायरस प्रहरी निगरानी नेटवर्क उभरते संक्रमणों और रोगाणु जनकों (पैथोजन) पर नजर रख रहा है।
 
बहल ने कहा कि जब भी मामले बढ़ते हैं, हम तीन चीजों पर ध्यान देते हैं। यह तीन कारकों पर निर्भर करता है, पहला कि यह कितना संक्रामक है, इसके विपरीत मामले कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले हमने देखा कि कोविड के मामले दो दिनों में दोगुने हो जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है कि मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
 
क्या प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा दे रहे हैं वैरिएंट : उन्होंने कहा कि दूसरा, क्या नए स्वरूप हमारी पिछली प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे रहे हैं? जब नए वेरिएंट आते हैं, तो वे प्रतिरक्षा तंत्र को चकमा देते हैं - चाहे वह प्राकृतिक हो या टीकाकरण से बना हो। लेकिन फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि तीसरा कारक कोविड के कुल मामलों में गंभीर संक्रमणों का प्रतिशत है।
 
बहल ने कहा कि क्या हमें बिना किसी अन्य सहवर्ती रोग के बहुत गंभीर बीमारी हो रही है? अभी तक, गंभीरता आमतौर पर कम है। चिंता की कोई बात नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए और हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। डॉ. बहल ने यह भी बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक और वह स्वयं भी शामिल हुए।
 
स्थिति पर करीब से नजर : उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमें इस समय सतर्क रहना चाहिए, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। अधिकारी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का डेटाबेस दिखा रहा है कि कोविड के नए स्वरूप गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को तुरंत कोई कार्रवाई करने की ज़रूरत नहीं है। उन्हें सामान्य सावधानियों का पालन करना चाहिए। इसलिए, अभी कुछ खास करने की जरूरत नहीं है।
 
बूस्टर खुराक की जरूरत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी टीकाकरण की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में टीका बनाने की क्षमता है और अगर जरूरत पड़ी तो हम कुछ ही समय में कोई भी टीका बना सकते हैं। मई 2025 तक, डब्ल्यूएचओ ने एलएफ.7 और एनबी.1.8 उप-स्वरूपों को निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट के रूप में वर्गीकृत किया है, न कि चिंताजनक स्वरूप के रूप में, लेकिन ये वे स्वरूप हैं जो कथित तौर पर चीन में और एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।
 
केरल में सर्वाधिक मामले : केरल में कोविड-19 के उपचाराधीन मामले सबसे अधिक हैं। वर्तमान में इससे 430 लोग संक्रमित हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार इस दक्षिणी राज्य में 19 मई से अब तक 335 नए मामले सामने आए हैं। केरल में अब तक ठीक होने वालों की संख्या सर्वाधिक हैं। राज्य में 19 मई से अब तक 105 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई। इसी अवधि के दौरान कोविड से 2 लोगों की मौत हो गई। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में वर्तमान में कोविड-19 के 1,010 उपचाराधीन मामले हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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