नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने भारत का अगला अटॉर्नी जनरल बनने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। रोहतगी ने कहा कि उनके फैसले के पीछे कोई खास वजह नहीं है। केंद्र ने मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (91) की जगह लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में रोहतगी को पेशकश की थी। वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त होगा।
लेकिन बाद में उन्होंने एक साल के नये कार्यकाल को स्वीकार कर लिया, क्योंकि सरकार इस बात को ध्यान में रखकर चाह रही थी कि वह इस पद बने रहें कि वह हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर रहे हैं और उनका बार में लंबा अनुभव है। सामान्यत: अटॉर्नी जनरल का तीन साल का कार्यकाल होता है।