Bangladesh violence case : मुस्लिम समुदाय के कुछ प्रबुद्ध लोगों के एक समूह ने बांग्लादेश के अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर वहां अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की है और सुधारात्मक कदम उठाने का आग्रह किया है। समूह ने कहा, यह कायरतापूर्ण कृत्य है जो इस्लाम को नकारात्मक रूप में पेश करता है, जबकि यह धर्म अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने पूर्व कुलपति जमीरूद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और उद्योगपति सईद शेरवानी ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
सिटीजन्स फॉर फ्रेटरनिटी नामक समूह ने पत्र में कहा, मुसलमान होने के नाते हम इस तरह के गैर-इस्लामी व्यवहार से चिंतित और निराश हैं। यह व्यवहार स्पष्ट रूप से इस्लाम के सिद्धांतों और पैगंबर द्वारा दिखाए गए रास्ते के खिलाफ है। हमें वास्तव में उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार सभी सांप्रदायिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करेगी और अपने हिंदुओं एवं अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
समूह ने कहा, हम स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करते हैं। यह कायरतापूर्ण कृत्य है जो इस्लाम को नकारात्मक रूप में पेश करता है, जबकि यह धर्म अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के महत्व पर जोर देता है। अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण इम्तहान होता है।
यूनुस को चार दिसंबर को लिखे पत्र में कहा गया कि सभी समाजों में अल्पसंख्यकों को उनकी जाति या धर्म की परवाह किए बिना संरक्षित किया जाना चाहिए। पत्र में कहा गया कि यदि वर्तमान बांग्लादेश सरकार इस निंदनीय घटनाक्रम पर अंकुश नहीं लगाती है तो इससे उसका मौन समर्थन प्रतिबिंबित होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour