शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के भोजनालयों को नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक लगाने के 22 जुलाई के आदेश पर स्पष्टीकरण जारी करने से इनकार किया।
भोजनालयों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश पर रोक के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 22 जुलाई के आदेश में जो कहा जाना चाहिए था, हमने वह कह दिया है। किसी को भी नाम बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक तरह से सबूत देते हुए उन सारे होटल्स और रेस्टोरेंट के नाम गिनाए हैं, जो हिंदू नामों से संचालित हो रहे हैं, जबकि उनके मालिक मुसलमान हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कुछ ऐसे नाम गिनाए हैं, जिसमें दुकान का नाम तो पंडित जी का ढाबा या पंडित जी की होटल है, लेकिन असल में उनका मालिक मुसलमान है। योगी सरकार के तमाम तर्कों के बाद भी शीर्ष अदालत ने अपने फैसले को बरकरार रखा।